गरीबों का राशन हजम कर रहे कोटेदार, अंजान बने जिम्मेदार
रायबरेली कोरोना महामारी में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मदद देने के उद्देश्य से
रायबरेली : कोरोना महामारी में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मदद देने के उद्देश्य से सरकार की ओर से निश्शुल्क अनाज दिया जा रहा है। वितरण में पारदर्शिता रहे इसके लिए चरणबद्ध तरीके से सत्यापन कराया जाता है। इतना ही नहीं वितरण के दौरान पर्यवेक्षणीय अधिकारी तक तैनात किए गए हैं। इसके बावजूद कोटेदार गरीबों के अनाज को हजम करने में कामयाब हो रहे हैं। जिला पूर्ति विभाग के आला अफसरों द्वारा हर महीने निरीक्षण भी किया जाता है। इसके बावजूद कहीं पर कोई गड़बड़ी नहीं मिलती है। सबसे खास बात बीते 15 दिन में तीन कोटेदारों पर कार्रवाई हुई। सभी मामलों में शिकायत के बाद धांधली पकड़ी गई। वहीं जिला पूर्ति अधिकारी, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और पूर्ति निरीक्षक द्वारा सबकुछ बेहतर बताया जा रहा है। केस -एक
पुलिस ने पकड़ा राशन, दो पर एफआइआर
डलमऊ के पूरे कोदऊ मजरे पखरौली गांव ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने ट्रैक्टर ट्राली में 94 बोरी कोटे का राशन पकड़ा। पहले तो मामले को सुलटाने में लगे रहे। डीएम ने सख्ती दिखाई तो चार दिन बाद आपूर्ति निरीक्षक अविनाश पांडेय की तहरीर पर पुलिस ने संतोष कुमार निवासी सेमौरी व रमेश कुमार निवासी पूरे कोदऊ पर रिपोर्ट दर्ज किया। केस दो
नौनिहालों का अनाज कोटेदार ने किया पार
डीह ब्लाक के ग्राम पंचायत मऊ स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय मऊ, प्राथमिक विद्यालय मऊ और प्राथमिक विद्यालय पूरे लोकई के बच्चों को मिलने वाले एमडीएम का अनाज पूर्व प्रधान और पूर्व कोटेदार ने पार कर दिया। करीब 219 क्विटल का घपला पकड़ा गया। यहां पर भी पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर पूर्व प्रधान रामहेत और पूर्व कोटेदार मुकेश कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। केस तीन ग्रामीण की शिकायत पर जांच टीम ने पकड़ा घपला
सरेनी ब्लाक के शिवपुर मजरे गहरौली गांव के रहने वाले अमरेंद्र बहादुर सिंह ने कोटेदार श्यामसुंदर पर राशन की कालाबाजारी करने का आरोप लगाया था। जांच टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की। अनाज के मिलान में 65.11 क्विटल गेहूं और 31.54 क्विटल चावल की गड़बड़ी पकड़ी गई। जिलाधिकारी के अनुमोदन पर पूर्ति निरीक्षक ने कोटेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
वर्जन
अनाज वितरण में पारदर्शिता बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। पर्यवेक्षकों को वितरण के दौरान मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। समय-समय पर निरीक्षण भी किया जाता है। हालांकि एमडीएम का मामला पुराना है। हालांकि गड़बड़ी करने वाले कोटेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।
विमल शुक्ला, जिला पूर्ति अधिकारी