'अनामिका' से विभाग हैरान, शासन परेशान

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने राज्य परियोजना निदेशक को भेजी रिपोर्ट तीन महीने से शिक्षिका का नहीं कुछ अता पता मोबाइल से भी नहीं संपर्क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:17 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 11:17 PM (IST)
'अनामिका' से विभाग हैरान, शासन परेशान
'अनामिका' से विभाग हैरान, शासन परेशान

रायबरेली : बीएसए दफ्तर में सुबह से शाम तक अनामिका के चर्चे हैं। कभी डाक्यूमेंट खंगाले जाते हैं तो कभी फोटो मिलान की जाती है। क्योंकि शासन से बार-बार नई-नई जानकारियां मांगी जा रही हैं। रायबरेली की अनामिका का नाता सिर्फ उस विद्यालय से ही जुड़ा है, जहां से उसने 12 महीने का मानदेय उठाया है। बात जब खुली तो हड़कंप मचा। अफसरों ने आनन-फानन में नोटिस जारी करते हुए 13वें महीने का मानदेय रोक दिया। इसके बाद लगातार शैक्षिक प्रमाणपत्र समेत निवास, आधार आदि के प्रपत्र मांगे जाते रहे, लेकिन शिक्षिका द्वारा कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया। यहां तक कि तीन महीने से उसका कुछ भी अता-पता नहीं है। विभाग में दर्ज मोबाइल नंबर भी स्वीच ऑफ है। जांच प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है।

उधर, शिक्षिका द्वारा डीसी (जिला समन्वयक) बालिका को वाट्सएप के माध्यम से इस्तीफा भेज दिया गया। हालांकि लिखित तौर पर नहीं मिलने के कारण अभी स्वीकार नहीं किया गया है। बीएसए ने बताया कि जरूरी जानकारी एकत्र करके राज्य परियोजना निदेशक को सूचना भेज दी गई है।

2.58 लाख रुपये ले चुकी मानदेय

अनामिका शुक्ला कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में फुलटाइम शिक्षिका पद पर तैनात हैं। डीसी बालिका अनिल कुमार तिवारी का कहना है कि मानदेय 22 हजार रुपये प्रति माह है। मार्च 2019 में तैनाती हुईं थीं। इसके बाद से फरवरी 2020 तक का भुगतान किया गया। मार्च माह में नोटिस जारी करके मानदेय रोक दिया गया। ऐसे में दो लाख 58 हजार रुपये विभाग से मानदेय के रूप में प्राप्त कर चुकी हैं। शासन से मिला पत्र तो हरकत में आया विभाग

करीब एक साल तक अनामिका शुक्ला को लेकर विभाग को भनक तक नहीं लगी। 11 मार्च 2020 को राज्य परियोजना कार्यालय से पत्र आया तो विभाग हरकत में आ गया। जब 25 जिलों में तैनाती की सुगबुगाहट शुरू हुई तो शिक्षिका ने बेसिक शिक्षा अधिकारी रायबरेली के नाम से वाट्सएप पर 26 मई को पारिवारिक समस्या का हवाला देते हुए इस्तीफा भेज दिया। जिले के एक फर्म से जुड़े अनामिका के तार

वैसे तो यह घालमेल प्रदेश स्तर पर हुआ है। 25 जिलों में अनामिका शुक्ला के नाम पर तैनाती हुई है। प्रपत्रों के जांच से लेकर तैनाती तक में यहां के भी कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं। अंदरखाने में इसकी जांच तेजी से चल रही है। इसमें जिले के भी एक फर्म का नाम भी सामने आ रहा है। हालांकि अफसर अभी इस विषय पर मौन हैं। इनकी सुनें

अनामिका शुक्ला प्रकरण की जांच शासन स्तर से चल रही है। राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से तैनाती, भुगतान समेत अन्य कई बिदुओं पर जानकारी मांगी गई थी। जिसे भेज दिया गया है। जिले में तैनात अनामिका से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कुछ पता नहीं चला। पूर्व में नोटिस भी जारी की गई थी।

आनंद प्रकाश शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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