एम्स के लिए भूमि अधिग्रहण पर कोरोना का ग्रहण
- अन्नदाताओं की 47 एकड़ जमीन चिन्हित बजट का इंतजार - 26 मार्च 2020 को होनी थी रजिस्ट्री संक्रमण के चलते टली
रायबरेली : एम्स के लिए 47 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कोरोना के कारण लंबित होता जा रहा है। पूर्व में आया बजट कोविड के कारण वापस लौटा गया। इस वित्तीय वर्ष में अब तक शासन से धन उपलब्ध नहीं कराया गया है। किसान भी पशोपेश में है कि वे उक्त जमीन पर खेती बाड़ी करें या खाली पड़ी रहने दें। शहर से सटे दरियापुर गांव में अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान खोला गया है। इसके लिए नंदगंज सिरोही शुगर मिल की 97 एकड़ जमीन लीज पर ली गई थी। एम्स के लिए अभी 47 एकड़ जमीन की और दरकार है। आसपास के गांव के 228 किसानों की जमीन इसके लिए चिन्हित की गई और चार गुना मुआवजा देने का वादा करके उन्हें राजी कर लिया गया। 26 मार्च 2020 को उक्त भूमि की रजिस्ट्री होनी थी। इसे लिए शासन की ओर से 42.67 करोड़ का बजट भी प्रशासन को उपलब्ध करा दिया गया था, लेकिन तभी कोरोना की पहली लहर आ गई और सारी कार्रवाई ठप हो गई। वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला था, इसलिए बजट भी वापस कर दिया गया। इसके बाद से किसान परेशान हैं कि उनकी जमीन का अधिग्रहण आखिर कब होगा। इस वित्तीय वर्ष में शासन स्तर से लगातार पत्राचार के बावजूद अब तक बजट उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। कुछ किसान तो अपने खेतों में फसल उगा रहे हैं। वहीं कुछ अनमने ढंग से खेती कर रहे हैं कि पता नहीं कब उनकी जमीन का अधिग्रहण हो जाए। किसान विनोद विश्वकर्मा, राकेश कुमार यादव, राजकुमारी आदि ने बताया कि जल्दी से भूमि का अधिग्रहण हो जाएगा तो वे सब दूसरी जगह कृषि योग्य जमीन खरीद कर खेती बाड़ी शुरू कर सकें।
किसानों की भूमि अधिग्रहीत करने के लिए बजट का इंतजार है। बाकी की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। धन उपलब्ध होते ही जमीनों की रजिस्ट्री करा ली जाएगी।
अंशिका दीक्षित, उप जिलाधिकारी