प्रसूताओं को 90 रुपये में ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर

- सीमित बजट में कोरम पूरा कर रहे अस्पताल परोसी जा रही फीकी दाल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 12:17 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 12:17 AM (IST)
प्रसूताओं को 90 रुपये में ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर
प्रसूताओं को 90 रुपये में ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर

रायबरेली : प्रसव के बाद प्रसूताओं को पोषक आहार देने की सरकार की योजना का महज कोरम पूरा किया जा रहा है। महज 90 रुपये में नाश्ता, लंच और डिनर की व्यवस्था की जा रही है, तो समझ सकते हैं कि उसकी क्वालिटी क्या होगी। गुरुवार को दैनिक जागरण ने जब इस व्यवस्था की पड़ताल की तो सच सामने आ गया। पेश है रिपोर्ट..

अपरान्ह एक बजे ऊंचाहार सीएचसी के जच्चा-बच्चा वार्ड में पूरे रिसाल गांव की सबीना, भटपुरवा मजरे पूरब गांव, जगतपुर की कुसुम और बिदागंज गांव निवासी सबा परवीन में भर्ती मिलीं। बुधवार की रात तीनों को डिलीवरी हुई थी। इन्होंने बताया कि सुबह नाश्ते में बिस्किट दिए गए। दोपहर में दाल, चावल, सब्जी और रोटी दी गई, जिसकी गुणवत्ता ठीक नहीं थी। अपरान्ह 1.30 बजे बछरावां सीएचसी में सिर्फ दो प्रसूताएं माधुरी और सरला मिलीं। इन्होंने बताया कि सुबह दूध ब्रेड और दोपहर में पूरा भोजन मिला। अपरान्ह दो बजे लालगंज सीएचसी में 13 प्रसूताएं मिलीं। इनको भी सुबह दूध ब्रेड और दोपहर में भोजन दिया गया। यहां भी भोजन की गुणवत्ता को लेकर अच्छा फीडबैक नहीं मिला।

अधीक्षक की जिम्मेदारी

प्रसूताओं को पौष्टिक आहार मिले, ये जिम्मेदारी सीएचसी अधीक्षक की होती है। स्वल्पाहार और दोनों टाइम भोजन की व्यवस्था के लिए बाहर के लोगों को काम दे दिया जाता है। वही, खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं। वो कैसा खाना परोस रहे हैं, इसकी शायद ही कभी जांच होती होगी। ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के लिए प्रतिदिन एक प्रसूता पर 90 रुपये का बजट मिलता है। अधीक्षक अपनी निगरानी में ये व्यवस्था कराते हैँ। अगर कहीं दिक्कत है तो जांच कराकर ठीक कराया जाएगा।

डा. वीरेंद्र सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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