एनटीपीसी से राख मिलनी बंद, एनएच और ओवरब्रिज के काम प्रभावित
रायबरेली पिछले तीन सप्ताह से एनटीपीसी मुफ्त में फ्लाई ऐश नहीं दे रही है।
रायबरेली: पिछले तीन सप्ताह से एनटीपीसी मुफ्त में फ्लाई ऐश नहीं दे रही है। इसकी वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग और ओवरब्रिज बनाने का काम प्रभावित हो रहा है। नवरत्न कंपनी के अफसर राख का मूल्य निर्धारित करने के लिए सरकार से मंत्रणा कर रहे हैं। ये साफ हो गया है कि अब एनटीपीसी फ्री में राख न देकर इसे कार्यदायी संस्थाओं को बेचकर वित्तीय लाभ लेगी।
एनटीपीसी पहले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने वाली संस्थाओं एनएचएआइ और यूपीडा को मुफ्त में राख देती थी। राख की ढुलाई का खर्च भी वही वहन करती थी। 26 सितंबर को अचानक प्रबंधन ने मुफ्त में राख न देने का निर्णय कर लिया। बताया जाता है कि फ्लाई ऐश की ढुलाई में अनियमितता मिलने सहित कई अन्य कारणों के चलते उक्त निर्णय लिया गया। एनएचएआइ और यूपीडा द्वारा रायबरेली, सुलतानपुर, लखनऊ और कानपुर में राजमार्ग व ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें फिलिग के लिए यहीं से फ्लाई ऐश मंगाई जा रही थी। प्रतिदिन औसतन 800 से एक हजार ट्रक राख यहां से निकलती थी। मिट्टी की अपेक्षा राख काफी सस्ती पड़ती थी। मिट्टी खनन के लिए रायल्टी जमा करनी पड़ती है, वो अलग। अब राख न मिलने के इन बड़ी परियोजनाओं का काम प्रभावित हो रहा है। तय होगा राख का मूल्य
एनटीपीसी प्रबंधन राख का मूल्य निर्धारित करके इसे बेचने की योजना बना रहा है। जल्द ही इसे अमल में भी लाया जाएगा, क्योंकि फ्लाई ऐश न मिलने के कारण सरकारी काम पर असर पड़ रहा है। वर्जन,
मुफ्त में राख देने पर रोक लगाई गई है। इसके मूल्य निर्धारण के लिए वार्ता चल रही है। जल्द ही सही रेट पर राख संबंधित संस्थाओं को उपलब्ध कराई जाएगी।
कमलेश सोनी, मुख्य महाप्रबंधक एनटीपीसी