बारिश का पानी सहेजने की नहीं दिखती फिक्र, हर साल होती बर्बादी

स्कूल कॉलेज और अन्य सरकारी इमारतों में नहीं लगा रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट जल संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे अधिकारी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:15 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:15 PM (IST)
बारिश का पानी सहेजने की नहीं दिखती फिक्र, हर साल होती बर्बादी
बारिश का पानी सहेजने की नहीं दिखती फिक्र, हर साल होती बर्बादी

रायबरेली : स्कूल, कॉलेज, गोदाम और दफ्तर। ऐसी तमाम सरकारी इमारतें यहां पर हैं, जो जल संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकती हैं। कमी है तो सिर्फ रेन वाटर हार्वेस्टिग से इन्हें लैस करने की। अब तक यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस समय जहां बारिश की एक-एक बूंद सहेजने पर मंथन चल रहा है, वहीं इन इमारतों की छतों पर गिरने वाला यह शुद्ध पानी नाली के सहारे नालों में जा रहा है।

कलेक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, विकास भवन, सुपर मार्केट, सिचाई विभाग समेत ऐसे तमाम सरकारी दफ्तर शहर में हैं। सबके कार्यालय बड़ी इमारतों में खुले हैं। इसके अलावा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज, डायट, महिला डिग्री कॉलेज समेत अन्य कई विद्यालय भी हैं। इन भवनों में वर्षा जल संचयन का इंतजाम हो जाए तो सिर्फ मुख्यालय पर ही भारी मात्रा में बारिश का पानी बचाया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते अबतक यह नहीं हो सका। इनसेट सिर्फ दूसरों को देते रहे नसीहत

हर साल मानसून आने पर रेन वाटर हार्वेस्टिग का मुद्दा उठता है। शासन से आदेश, निर्देश जारी होते हैं। जिला मुख्यालय पर अफसरों तक पहुंचते हैं। इन्हें देखकर जिम्मेदार निजी इमारतों पर अमल कराने के लिए आगे बढ़ा देते हैं। अफसरों ने कभी खुद की इमारतों में बारिश का पानी सहेजने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। इनसेट जल संरक्षण का हिस्सा बन रहीं ये सरकारी इमारतें इंदिरा नगर स्थित विकास प्राधिकरण कार्यालय, केंद्रीय विद्यालय गोरा बाजार, फिरोज गांधी पॉलीटेक्निक रतापुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दरियापुर और सिविल लाइंस स्थित रायबरेली क्लब। शहर की यह सरकारी इमारतें ऐसी हैं, जिनमें रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा हुआ है। इनकी भी सुनें

कुछ कार्यालयों में नगर पालिका परिषद रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवा रहा है। अन्य कई विभागों ने खुद बजट की मांग की है। कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी सरकारी दफ्तरों में यह व्यवस्था हो जाए।

अभिषेक गोयल मुख्य विकास अधिकारी

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