बारिश से बर्बाद धान की फसल, काटने में छूट रहा पसीना
अमेठी बरसात से हुई तबाही का मंजर अब भी धान के खेतों में साफ दिखाई दे रहा है। जबकि प्रश्
अमेठी: बरसात से हुई तबाही का मंजर अब भी धान के खेतों में साफ दिखाई दे रहा है। जबकि प्रशासन फसल बर्बादी की रिपोर्ट भेजने में फिसड्डी बना हुआ है। किसानों की मानें तो पानी लगातार भरा होने से धान अंकुरित होकर बाहर निकल रहा है। वहीं पानी में डूबे धान की फसल को काटने में मजदूरों के पसीने छूट रहे हैं। किसान भरत यादव, सत्येंद्र तिवारी, अरविद तिवारी, तालुक सिंह, उमाकांत, स्वामीनाथ, पारसनाथ आदि ने बताया कि बीते सितंबर माह में हुई लगातार बारिश से धान की फसल गिरकर बर्बाद हो गई। लेकिन, राजस्व प्रशासन ने इसकी सुधि नहीं ली। हल्का लेखपाल को फसल गिरने की सूचना दी गई थी। हालांकि उन्होंने फसल देखने की जहमत तक नहीं उठाई। क्षेत्र के अग्रणी किसान हल्ला पांडेय, वीरेन्द्र सिंह, संजय तिवारी ने बताया कि उनकी दस बीघे से ऊपर धान की फसल पानी में डूबने से तबाह हो गई। जबकि मुआवजे के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं मिला। नयाकोट गांव में पानी में डूबी फसल की कटाई करते मजदूर श्रीराम, सोमई, राधा, संगीता ने बताया कि पानी में डूबी दो बीघा धान की फसल काटने में पांच दिन बीत गए। लेकिन, अभी कटाई पूरी नहीं हो सकी है। मजदूरों ने यह भी बताया कि फसल काटने के बाद मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है। जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
- जुटाया जा रहा आंकड़ा
राजस्व निरीक्षक अमरनाथ पांडेय ने बताया कि धान की बर्बाद फसल का आंकड़ा जुटाया जा रहा है। जल्द ही रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।