पांच दिनों में हत्याकांड का राजफाश
जासं रायबरेली कहते हैं कि पाप करने वाला कोई न कोई निशान छोड़ जाता है। वही सुबूत कभी
जासं, रायबरेली : कहते हैं कि पाप करने वाला कोई न कोई निशान छोड़ जाता है। वही सुबूत कभी न कभी उसे सजा जरूर दिला देता है। ऐसा ही हुआ..ऊंचाहार के नेवादा मजरे बाबूगंज के दीपक सिंह हत्याकांड में। पुलिस अफसर के अनुसार अखबार के टुकड़े से ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने में बड़ा सहारा मिला। सिर्फ पांच दिनों में हत्याकांड के आरोपित तक पुलिस उसी की बदौलत पहुंच गई।
ऊंचाहार के नेवादा मजरे बाबूगंज निवासी दीपक सिंह का शव मंगलवार की सुबह बकिया का पुरवा के पास गलियारे में पड़ा मिला था। चाकू से उसका गला रेता गया था। पुलिस को घटनास्थल के पास से कागज के टुकड़े पड़े मिले थे। इससे ये पता चला कि अखबार प्रयागराज संस्करण का है। दीपक का बड़ा भाई करुणेश सिंह, जो कि प्रयागराज में रहता है, शक की सुई उसकी तरफ घूमी। उसके मोबाइल की लोकेशन निकाली गई तो पता चला कि वारदात वाली रात उसका फोन प्रयागराज में ही था। उसके नंबर से दो-तीन लोगों से कई बार बात की गई थी। उनकी लोकेशन निकाली गई तो एक नंबर की लोकेशन सोमवार की शाम साढे छह बजे कुंडा में मिली। साढ़े आठ बजे के करीब चड़रई चौराहे के पास उसे ट्रेस किया गया और फिर वापस कुंडा। करुणेश का रिश्तेदार कुंडा में रहता है। पुलिस ने दो दिनों तक करुणेश को नहीं पकड़ा। दीपक का क्रिया कर्म होने के बाद उसे हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो सच सामने आ गया। उसने बताया कि वही अखबार में चाकू छिपाकर कुंडा आया। वहां से वह अपने साले अभय के साथ चड़रई पहुंचा और फिर अपने भाई का कत्ल कर दिया। वर्जन,
दीपक हत्याकांड के खुलासे में वारदात स्थल पर मिले अखबार के टुकड़े से हमें बड़ी लीड मिली और हमने महज पांच दिनों में हत्यारोपितों को पकड़ लिया।
विश्वजीत श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक