गोकुल मिशन से जुड़े चार लाख मवेशी, मुश्किलें आसान

रायबरेली पशुपालकों की मुश्किलें अब आसान होने वाली हैं। प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण गोकु

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 12:04 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 12:04 AM (IST)
गोकुल मिशन से जुड़े चार लाख मवेशी, मुश्किलें आसान
गोकुल मिशन से जुड़े चार लाख मवेशी, मुश्किलें आसान

रायबरेली : पशुपालकों की मुश्किलें अब आसान होने वाली हैं। प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण गोकुल मिशन योजना के तहत मवेशियों को चिन्हित करके योजनाओं से जोड़ा जाएगा। कृत्रिम गर्भाधान से लेकर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण, टैगिग और बधियाकरण करके बढ़ती संख्या को भी नियंत्रित किया जाएगा। इसके लिए पशुपालन विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। साथ ही स्वत: रोजगार के तहत 44 पशु मैत्री का चयन भी कर लिया गया है। मिला रोजगार, बढ़ेगा आय का माध्यम

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत 44 पशु मैत्री का चयन कर लिया गया है। इसके माध्यम से स्वत: रोजगार के तहत बेरोजगारी को भी दूर किया जा रहा है। चयनित आवेदक को कृत्रिम गर्भाधान के लिए 50 रुपये, टीकाकरण और टैगिग के 14 रुपये और पशु जन्म पर 150 रुपये दिए जाएंगे। इससे उन्हें गांव के आसपास ही रोजगार मिल सकेगा।

तीन बार निश्शुल्क गर्भाधान का मिलेगा लाभ

पशु मैत्री द्वारा पशुपालकों के घर जाकर पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। इस योजना में एक मवेशी को तीन बार निश्शुल्क गर्भाधान करने की व्यवस्था है। साथ ही बेसहारा और कम ब्रीडिग वाले मवेशियों का बधिया करण किया जाएगा। इसका उद्देश्य बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाना। साथ ही उन्नतशील किस्म के मवेशी के लिए कृत्रिम गर्भाधान करके अच्छी किस्म का लाभ किसानों को दिलाया जा रहा है। इससे पशु पालकों की आय में इजाफा भी होगा। तीन चरणों में चुने गए मवेशी

गोकुल मिशन तीन चरणों में चला। प्रथम चरण में 300 गांव में कार्य किया गया, जिसमें 18000 गोवंश और महिष वंश को इस योजना से जोड़ा गया। द्वितीय चरण में 24500 गोवंश और महिष वंश को लाभान्वित किया गया। तृतीय चरण में लक्ष्य 142000 मवेशियों का है। योजना के तहत जिले के सभी 988 ग्राम पंचायतों, वार्डों और मजरों को शामिल किया गया है। वर्जन

गोकुल मिशन के तहत 44 पशु मैत्री का चयन किया जा चुका है। जल्द ही सभी को किट उपलब्ध करा दी जाएगी। इसमें करीब चार लाख मवेशी शामिल किए गए हैं। इससे पशु पालकों को अच्छे किस्म के मवेशी मिल सकेंगे। दुग्ध उत्पादन बढ़न से आर्थिक दशा में भी सुधार होगा।

गजेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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