ज्यादा रंगीन और वर्क लगी मिठाइयों से बनाएं दूरी, जागरूकता जरूरी

रायबरेली बाजारों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ती जा रही है। त्योहार के समय तो श्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 12:02 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 12:02 AM (IST)
ज्यादा रंगीन और वर्क लगी मिठाइयों से बनाएं दूरी, जागरूकता जरूरी
ज्यादा रंगीन और वर्क लगी मिठाइयों से बनाएं दूरी, जागरूकता जरूरी

रायबरेली : बाजारों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ती जा रही है। त्योहार के समय तो शहर से लेकर गांव तक मिलावट का धंधा जोरों पर चलता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए शासन स्तर से समय-समय पर अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए जाते हैं। इसके बावजूद भी मिलावटखोरी पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है।

मिलावटखोरी कैसे रुकेगी, कैसे अपमिश्रित खाद्य पदार्थों की पहचान करें। दोषियों पर कार्रवाई के लिए मदद कैसे मिल सकती है। इन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अभिहित अधिकारी अजीत कुमार मौजूद रहे। इन्होंने दूरभाष के जरिए आने सभी सवालों के जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता जरूरी है। खुद ही लोग सतर्क रहें और खुले खाद्य पदार्थ, मसालों व ज्यादा रंगीन तथा वर्क लगी मिठाइयों से दूरी बनाकर खुद को स्वस्थ रखें। इतना ही नहीं, जिन क्षेत्रों से ज्यादा शिकायतें आईं, वहां टीम बनाकर विशेष अभियान चलाने का भरोसा दिया। प्रस्तुत हैं नागरिकों की ओर से आए सवाल और उनके जवाब-- सवाल : त्योहार के समय बिक रही मिठाई मिलावटी है या नहीं, इसे कैसे पहचानें।

अंकित दीक्षित, डलमऊ

जवाब : त्योहार के समय अधिकांश मिठाई में खोवा का प्रयोग होता है। थोड़े पानी में खोवा मिलाकर गर्म करें। उसमें आयोडीन टिचर मिला दें। नीला हो जाए तो स्टार्च की मिलावट है। सवाल- कानपुर से मिलावटी मिठाई आकर क्षेत्र में बिकती है, इसे रोका जाए। अभिषेक, परशदेपुर

जवाब- आप लोग सहयोग करें तो इसे रोका जा सकता है। कानपुर से गाड़ी आने की सूचना हमें दें। मामले में प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। सवाल- दीपावली के समय कौन-कौन सी मिठाई खरीदें, जिससे मिलावट से बचें। नवीन, हथनासा

जवाब- ज्यादा रंगीन और चांदी के वर्क लगी मिठाई से दूरी बनाएं। चांदी वर्क तो खाने योग्य है, लेकिन दुकानदार इसकी जगह एल्युमिनियम वर्क का प्रयोग करते हैं, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है। इसके ज्यादा सेवन से गंभीर बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। बासी मिठाई से भी परहेज करें। ज्यादा दिक्कत हो तो हमसे शिकायत करें। सवाल- मिलावटी मिठाई की जांच कैसे कराएं। कुलदीप यादव, सतांव

जवाब- कोई भी व्यक्ति विभाग में शुल्क जमा करके जांच करा सकता है। कहीं आपको लगता है कि मिलावटी मिठाई है तो इसकी शिकायत करें, हमारी टीम जाकर नमूना लेगी। उपभोक्ता के रूप में सतर्क रहेंगे तो दुकानदार शुद्ध मिठाई बेचने को मजबूर होगा। सवाल- लालगंज में रंग युक्त मिठाई बिक रही है, इसे क्यों नहीं बंद कराया जा रहा है। आशुतोष शुक्ल, लालगंज

जवाब- फूड कलर खाने योग्य होता है। अगर अखाद्य रंगों का प्रयोग हो रहा है तो, इसकी जांच कराऊंगा। सवाल-- दूध, दही जो डेयरी में मिल रहा है, वह कहीं मिलावटी तो नहीं। सोनी वाजपेयी, लालगंज

जवाब-- दूध दही की सैंपलिग होती रहती है। क्रीम निकालकर पानी मिलाए जाने के मामले पाए जाते हैं। ये कमियां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं हैं। दूध, दही के एक माह में 600 नमूने लिए जाते हैं। सवाल-- डलमऊ में जब भी त्योहार आते हैं, छापेमारी करके छोटे-छोटे व्यापारियों को परेशान किया जाता है। घनश्याम जायसवाल

जवाब-- त्योहार के समय अभियान चलाने का निर्देश शासन स्तर से रहता है। तारीख निर्धारित रहती है कि कब से छापेमारी अभियान चलाना और कब तक चलेगा। इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। सवाल--मिलावट पकड़ने के कुछ तरीके बताएं। मो. सलमान, जगतपुर

जवाब-- जैसे लाल मिर्च को हाथ से रगड़ने पर यदि कलर छूट रहा तो मिलावट है। हल्दी को रगड़ने पर कलर छूटे तो उसमें भी मिलावट है। खुले में पिसा मसाला की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है। आप लोग जागरूक हों और पैकिग का मसाला खरीदें तो उसकी भी एक्सपायरी डेट चेक करें। सवाल-- क्षेत्र की होटलों में मिलावटी खाद्य पदार्थाें की बिक्री हो रही है। शुभांकर, जगतपुर

जवाब-- इसे रोकने के लिए टीम बनाकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा कभी भी कहीं कोई मिलावट समझ में आए तो इसकी शिकायत हमारे टोल फ्री नंबर 1800112180 पर करें। सवाल- क्षेत्र में मिलावटी खाद्य पदार्थ की बिक्री नहीं रुक पा रही है, कैसे पहचानें। सुशील गुप्त, डलमऊ

जवाब-- सिर्फ त्योहार के समय ही नहीं, पूरे साल अधिकारी क्षेत्रों से नमूने भरकर जांच के लिए भेजते हैं। रिपोर्ट आने पर जुर्माना और मुकदमा की कार्रवाई भी होती है।

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