मातृत्व वंदना योजना में हीलाहवाली, दो पदों पर नियुक्ति में डेढ़ माह की देरी
रायबरेली करीब डेढ माह पहले मातृत्व वंदना योजना के बेहतर संचालन के लिए प्रोगाम मैनेजर
रायबरेली : करीब डेढ माह पहले मातृत्व वंदना योजना के बेहतर संचालन के लिए प्रोगाम मैनेजर और असिस्टेंट की भर्ती निकाली गई। इन पदों के लिए टेंडर होने के बाद से ही विभागीय हीलाहवाली शुरू हो गई। सोमवार को नियमों की अनदेखी करके साक्षात्कार लिया गया और चयन पर अंतिम मुहर भी लगा दी गई।
केंद्र सरकार द्वारा गर्भवती और नवजात शिशु की बेहतर देखभाल के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व योजना शुरू की गई। सोमवार को इसी योजना के तहत दो पदों के लिए इंटरव्यू लिया गया। साक्षात्कार देने सिर्फ चार अभ्यर्थी ही आए, जबकि एक पद पर तीन आवेदन होना जरूरी माना जाता है। नेशनल हेल्थ मिशन का बाबू अवकाश पर था। सीएमओ और दो एसीएमओ ने आनन-फानन साक्षात्कार करा लिया। महज दो पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया में पहले लंबा वक्त लगाया गया और फिर बड़ी तेजी से चयन भी कर लिया गया। एसीएमओ डॉ. एके चौधरी इस चयन प्रक्रिया को लेकर बार-बार बयान बदलते रहे। इंटरव्यू के पहले यानी सोमवार को उन्होंने बताया कि साक्षात्कार के लिए बने पैनल में सीएमओ, एसीएमओ और तहसील के एक अफसर रहेंगे, लेकिन मंगलवार को उन्होंने अपनी बात ही पलट दी। बताया कि संस्था के जरिए भर्ती करनी थी, इसलिए विभागीय अधिकारियों ने ही इंटरव्यू ले लिया। वह इंटरव्यू देने आए अभ्यर्थियों का सेवायोजन कार्यालय में कराए गए पंजीकरण का नंबर भी नहीं बता सके। ये है योजना
मातृत्व सहयोग योजना प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाइ) के नाम से जानी जाती है। इसे एक जनवरी 2017 से आरंभ किया गया। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित जन्म के लिए 6000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
दो पदों के लिए साक्षात्कार लेना था, फर्म के जरिए अभ्यर्थी बुलाए गए थे। इंटरव्यू हो गया है, परिणाम अभी घोषित नहीं किया गया है।
डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ