पुलिस विभाग में ''''लैंड बैंक''''
- एसडीआरएफ के गठन प्रशिक्षण केंद्र आवास के लिए जिला प्रशासन से मांगी 105 एकड़ भूमि - पीएसी के लिए बननी है कैंपिग साइट जिलाधिकारी से 17 बार पत्राचार के बाद अब जगी उम्मीद
रायबरेली : लैंड बैंक मतलब भूमि बैंक। जैसे बैंक में धन की जमा निकासी होती है, वैसे ही भूमि बैंक में सुरक्षित भू-भाग का जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जाएगा। पुलिस विभाग में लैंड बैंक के लिए भूमि की व्यवस्था के संबंध में डीएम को पत्र लिखा गया है। भविष्य में बेहतर कानून व्यवस्था के लिए इन जमीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। बजट और संसाधनों की उपलब्धता होने पर यहां जवानों के लिए आवास, प्रशिक्षण केंद्र आदि बनाए जाएंगे।
वर्ष 2016 में लैंड बैंक के संबंध में प्रमुख सचिव ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित जारी किया गया था। जनपद स्तर पर एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) के गठन, विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों के आवास एवं प्रशिक्षण के लिए व पुलिस की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रशासन से समन्वय स्थापित करने की बात कही गई थी। लैंड बैंक के लिए 40 हेक्टेयर यानी सौ एकड़ जमीन की दरकार पुलिस विभाग को है, जोकि शहर से बाहर और सड़क के करीब होनी चाहिए। एक ही स्थान पर इतना बड़ा रकबा न मिले तो तीन से चार भागों में भी भूमि उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके अलावा पीएसी की कैंपिग साइट्स के लिए भी पांच एकड़ जमीन की आवश्यकता है। लैंड बैंक के लिए चार अप्रैल 2019 से अब तक पुलिस अफसरों द्वारा 17 बार पत्राचार किया जा चुका है। इस बार छह मई 2021 को पत्र भेजा गया, जिसका सकारात्मक जवाब आने की उम्मीद अधिकारियों ने लगा रखी है।
राज्य आपदा मोचन बल
एसडीआरए में ट्रेंड पुलिस, सेवानिवृत्त सेना के जवान और होमगार्ड शामिल होते हैं। ये जवान किसी भी तरह की आपदा का सामना करने के लिए हर समय तैयार होते हैं। एसडीआरएफ का इस्तेमाल अधिकतर चक्रवात, सूखा, भूकंप, अग्नि, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटने आदि में पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है।
वर्जन,
लैंड बैंक के लिए जिला प्रशासन से लगातार समन्वय स्थापित किया जा रहा है। जगह आवंटित होते ही प्रस्तावित कार्य शुरू करा दिए जाएंगे, जिसमें सबसे प्रमुख एसडीआरएफ का गठन करना है।
विश्वजीत श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक