देवकीनंदन श्रीकृष्ण के श्री मुख से निकला ज्ञान गीत है गीता

सत्यनारायणी देवी इंटर कॉलेज मुंशीगंज में सूर्य प्रबोधाश्रम के स्वामी स्वात्मानंद महराज ने गीता के प्रथम अध्याय के चितन पर प्रकाश डाला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:16 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 12:16 AM (IST)
देवकीनंदन श्रीकृष्ण के श्री मुख से निकला ज्ञान गीत है गीता
देवकीनंदन श्रीकृष्ण के श्री मुख से निकला ज्ञान गीत है गीता

रायबरेली : सत्यनारायणी देवी इंटर कॉलेज मुंशीगंज में सूर्य प्रबोधाश्रम के स्वामी स्वात्मानंद महराज ने गीता के प्रथम अध्याय के चितन पर प्रकाश डाला। कहा कि गीता देवकीनंदन श्रीकृष्ण के श्री मुख से निकला ज्ञान गीत है। तब से लेकर आज तक प्राणि मात्र इस ज्ञान गीत से नित्य नूतन रसपान कर रहे हैं।

उन्होंने कहाकि गीता का अनुशीलन शोक से मुक्त करता है। इसकी अनुभूति सर्वप्रथम अर्जुन को हुई थी। गीता के स्वाध्याय से मानसिक और शारीरिक कष्टों का निवारण होता है। कहाकि जिसका जीवन वेद और शास्त्रों के अनुशासन से अनुशासित है। उसकी कभी पराजय नहीं हो सकती। इसीलिए जब माधव के शंख की ध्वनि हुई तो धृतराष्ट्र के सभी पुत्रों के हृदय विदीर्ण हो गये, लेकिन द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, भीष्म आदि के साथ ऐसा नहीं हुआ।

स्वामीजी ने धृतराष्ट्र की दार्शनिक व्याख्या करते हुए कहाकि यदि किसी के अंदर 60 हजार हाथियों का बल है, लेकिन उसके अन्दर आध्यात्मिक प्रकाश नहीं है तो वह व्यक्ति धृतराष्ट्र की तरह अन्धा ही है। उन्होंने कहाकि भौतिकता के मोह के कारण ही हस्तिनापुर को विनाशकारी युद्ध और अयोध्या को दुर्दिन देखने पड़े। सरयू प्रसाद द्विवेदी, रामनारायण तिवारी, मनोज पांडेय, बृजेंद्र बहादुर सिंह, राजेश मिश्र, आरके पांडेय, लम्बू बाजपेयी, कमलेश सिंह, जगदम्बा तिवारी, पीएस तिवारी, राकेश मोहन मिश्र आदि मौजूद रहे।

हवन-पूजन और प्रसाद वितरण

भगवान विश्वकर्मा का प्रगट उत्सव दिवस पर पूजन, हवन का आयोजन हुआ। इस दौरान प्रसाद वितरण भी किया गया। इसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मलिकमऊ आइमा स्थित मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू होगा। पूजन अर्चन के बाद प्रसाद वितरण शुरू हुआ, जो दोपहर बाद तक चलता रहा।

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