विनय को निराला सम्मान मिलने पर साहित्यकारों में हर्ष

- बुद्धिजीवी बोले नवगीतकार ने बढ़ाया बैसवारे का मान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 11:32 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 11:32 PM (IST)
विनय को निराला सम्मान मिलने पर साहित्यकारों में हर्ष
विनय को निराला सम्मान मिलने पर साहित्यकारों में हर्ष

रायबरेली: मंगलवार को साहित्यिक संस्था काव्यालोक की बैठक साकेत नगर स्थित अधिवक्ता डा. विनय भदौरिया के आवास पर हुई। साहित्य से जुड़े लोगों ने उन्हें निराला सम्मान मिलने पर अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंटकर हौसलाफजाई की। सभी ने विनय के सम्मानित होने को गौरव का विषय बताया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन एवं गजलकार शैलेश सिंह द्वारा वाणी वंदना से हुआ। वक्ताओं के रूप में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि देश के सुविख्यात कवि रहे स्व. डा.शिव बहादुर सिंह भदौरिया के पुत्र एवं नवगीतकार डा. विनय भदौरिया को निराला पुरस्कार मिला है। इससे पूरा बैसवारा क्षेत्र सम्मानित महसूस कर रहा है। बैसवारा सदैव से कलम का धनी रहा है। साहित्यकारों ने बैसवारे को विश्व पटल पर ख्याति दिलाने का काम किया है। इसी कड़ी में विनय भदौरिया का नाम भी जुड़ गया है। वक्ताओं ने कहा कि पारंपरिक गीत ही वर्तमान समय में नवगीत कलेवर लेकर उपस्थित हुआ है। शहरी और ग्राम संस्कृतियों के मध्य भारतीयता का जो रंग बचा हुआ है, वही डॉ. विनय भदौरिया के गीतों में आकार लेता है। सभी ने उनकी पुस्तक अंतराए बोलती हैं के गीतों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा लिखे गए गीत सीधे मन को छूते हैं। बैसवारा डिग्री कॉलेज के प्राचार्य निरंजन राय, चंद्र प्रकाश पांडेय, शिक्षक नेता रामप्रताप सिंह, अवनेंद्र सिंह, आशीष सिंह सेंगर, हरिनाम सिंह, वासुदेव सिंह गौढ़, रामगुलाम सविता, नरेंद्र सिंह, डॉ. एमडी सिंह, वीरेंद्र सिंह, लायक सिंह, पवन सिंह, अमनदीप, विश्वास बहादुर ने डॉ. विनय भदौरिया को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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