पट्टे की आड़ में छलनी कर दिया सई का किनारा
रायबरेली : खनन माफियाओं की मनमर्जी देखनी हो तो शहर के सई नदी के किनारों को देख लें।
रायबरेली : खनन माफियाओं की मनमर्जी देखनी हो तो शहर के सई नदी के किनारों को देख लें। बतौर खनन अधिकारी उन्होंने एक नंबर का पट़्टा दिया था। मगर, हुआ क्या पूरे कछार को क्षत विक्षत कर दिया गया। 'जागरण' ने मामले को उठाया तो अफसरों की धुकधुकी बढ़ी। अब जांच दर जांच जारी है। सूत्र बताते है कि हकीकत कागजों में बता दी गई है, जो हाकिमों की मेज तक पहुंच गई है। सच्चाई के बाद कार्रवाई होगी या फिर जांच की आड़ में दोषी बचाए जाएंगे यह तो समय बताएगा।
शहर से सटे मटिहा गांव के किनारे सई नदी गुजरी है। यहां पर काफी अरसे से खनन माफिया सक्रिय है। शासन की ओर से खनन में ढिलाई दी, तो खनन माफिया सक्रिय हो गए। एक भूमि का पट्टा लेकर दिन-रात खोदाई शुरू कर दी। बकायदा जेसीबी की मदद से कुछ दिन में ही सई नदी का कछार तक ढो ले गए। इस दौरान खनन विभाग की ओर से एक बार भी रोक नहीं लगाया गया। पिछले रविवार को 'जागरण' की टीम ने मौके पर जाकर हकीकत देखी और प्रकाशित किया गया, तो अफसरों में हड़कंप मचा। पट्टे की बात कहकर मामले को दबाने की कोशिश की गई। खनन से सई नदी को नुकसान पहुंच रहा था, ऐसे में डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया। संबंधित अधिकारी को जांच के निर्देश दिए। मौके पर टीमें पहुंची। खनन विभाग अपनी खामियों पर पर्दा डालने की भरसक कोशिश करने में लगी रही। एसडीएम के निर्देश पर तहसील की टीम ने मौके पर जाकर जांच की। जांच रिपोर्ट अफसरों की मेज तक पहुंच गई है, सच सामने आने में अफसर जोर लगाते हैं यह सच दबाने में यह वक्त बताएगा।
जहां चारपहिया वाहन जाना मुश्किल, वहां फर्राटा भर रहे डंपर
जिन राहों में चार पहिया वाहन जाना मुश्किल होता है। जांच टीम के सदस्य मौके तक पहुंचने की कोशिश की तो गाड़ी आगे नहीं जा सकी। बमुश्किल से बाइक से मौके पर जाकर जांच की। वहीं इन्हीं राहों से डंपर दिन-रात दौड़ते रहे। शहर से जुड़ा होने के बाद भी किसी ने इन डंपरों की ओर से ध्यान देना तक मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में साफ पता चलता है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़झाला जरूर है।
ग्रामीणों के विरोध के बाद जागा प्रशासन
खनन का यह कार्य कई महीनों से चल रहा था। डंपर के आने-जाने से ग्रामीण भी परेशान हो रहे थे। हाल ही में डंपर की टक्कर से मटिहा रोड पर रखा ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद ग्रामीणों का सब्र टूट गया। आक्रोशित लोगों ने गांव के बाहर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इसके बाद अफसरों की नींद टूटी। मौके पर तहसील के आला अफसर तक पहुंचे। खनन पर अंकुश लगाने का भरोसा दिया।