गृह जनपद जाने की खुशी, थकान दरकिनार
कई साल से गृहजनपद से दूर नौकरी कर रहे शिक्षकों के चेहरे मंगलवार को खिले रहे
रायबरेली: कई साल से गृहजनपद से दूर नौकरी कर रहे शिक्षकों के चेहरे मंगलवार को खिले रहे। मौका अंतरजनपदीय स्थानांतरण का था। सूची में नाम शामिल होने के बाद दिनभर दौड़-भाग करते रहे। इस दौरान अधूरे दस्तावेज पूरा करते दिखाई दिए तो, कोई प्रक्रिया के बारे में पूछता रहा। देर रात तक प्रक्रिया चलती रही, लेकिन उनके चेहरे पर तनिक भी शिकन देखने को नहीं मिली। हर कोई बेसब्री से कार्यमुक्त पत्र पाने का इंतजार करता रहा। संपूर्ण समाधान दिवस में बीएसए के जाने की वजह से शाम चार बजे के बाद प्रक्रिया शुरू की गई। बीएसए द्वारा देर रात तक कार्यमुक्त पत्र वितरण किया जाता रहा। यहां से गैरजनपद जाने वालों में सबसे ज्यादा शिक्षकों ने लखनऊ जिले में दिलचस्पी दिखाई। इसके बाद उन्नाव, बाराबंकी, आगरा, हरदोई समेत अन्य जिले हैं।
791 में से 423 को मिला मौका
नए शासनादेश के तहत 1055 आवेदन जमा हुए थे। इसमें 264 को अस्वीकृत कर दिया गया। 29 दिसंबर को एनआइसी की ओर से 791 की तैयार सूची का परीक्षण किया गया। इसके बाद 423 को अंतरजनपदीय स्थानांतरण में शामिल किया गया। डीसी एमआइएस अविलय सिंह ने बताया कि चार और पांच को बाहर से आने वाले शिक्षकों को कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। लिपिक आशीष सिंह ने बताया कि 586 शिक्षक अलग-अलग जिलों से रायबरेली आ रहे हैं।
इनकी सुनें
अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जा रही है। चार और पांच को गैरजनपद से शिक्षक आएंगे। सबसे पहले उन्हें कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। इसके बाद शासन के निर्देशानुसार विद्यालय आवंटन किया जाएगा। आनंद प्रकाश शर्मा, बीएसए