प्रसव पीड़ा पर भारी नहीं पड़ने दिया कोरोना का डर

बेटियों की सेवा समर्पण और त्याग की अनगिनत कहानियां आए दिन सुनने को मिलती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 12:14 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 12:14 AM (IST)
प्रसव पीड़ा पर भारी नहीं पड़ने दिया कोरोना का डर
प्रसव पीड़ा पर भारी नहीं पड़ने दिया कोरोना का डर

रायबरेली : बेटियों की सेवा, समर्पण और त्याग की अनगिनत कहानियां आए दिन सुनने को मिलती हैं। सीएचसी में महिला चिकित्सक की अनुपस्थिति में कोरोना काल के दौरान यहां तैनात तीन बेटियों ने भी अपना कर्तव्य बखूबी निभाया और 1361 गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराया है। महामारी के इस दौर में भी वे अपना काम समर्पण भाव से कर दूसरों के लिए मिसाल बनी हुई हैं।

हम बात करते हैं जगतपुर सीएचसी में तैनात स्टाफ नर्स आरती वर्मा, खुशबू पाल और मोनलता की। ग्रामीण क्षेत्र होने के नाते अधिकांशत: गरीब, मजदूर, मजबूर और निम्न वर्ग की गर्भवती प्रसव के वक्त सीएचसी आती हैं। यहां पर लंबे समय से महिला चिकित्सक नहीं हैं। सुरक्षित प्रसव के संसाधनों की भी कमी है। बावजूद इसके, प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती को यहां पर तैनात महिला स्टाफ द्वारा अपनेपन का अहसास कराने से काफी राहत मिल जाती है। इन तीनों स्वास्थ्य कर्मियों ने संक्रमण काल में अस्पताल आने वाली महिलाओं का पूरा ख्याल रखा। इन्होंने बताया कि 698 बेटियों और 663 बेटों की किलकारी गूंजी। गर्भवती व उनके परिवार के लोगों की खुशी देखकर हमारा मनोबल बढ़ता है। इस जीवन में हमें जो जिम्मेदारी मिली है, उसका निर्वहन करना ही हमारा धर्म है। खुशबू ने बताया कि कभी-कभी हमें भी संक्रमण का डर लगा, लेकिन गर्भवती की पीड़ा देख हमने उस डर को कभी हावी नहीं होने दिया। एसडीएम ने कराई एल-टू हॉस्पिटल परिसर की सफाई एलटू हॉस्पिटल परिसर के बाहर फैली गंदगी को लेकर एसडीएम ने नाराजगी जताई। इसके बाद कई घंटे खड़े रहकर अपने सामने सफाई कराई। आधुनिक रेलडिब्बा कारखाना स्थित एलटू हॉस्पिटल की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम विनय मिश्र ने बुधवार को नगर पंचायत से सात व आरेडिका अधिकारियों से संपर्क करके आउट सोर्सिंग में लगे 30 सफाई कर्मचारियों को बुलाकर परिसर की सफाई कराई। देर शाम तक चले सफाई अभियान की निगरानी उन्होंने स्वयं की। जेसीबी से अस्पताल के इमरजेंसी गेट के पास खड़ी घास को उन्होंने साफ कराया। वहीं भारी मात्रा में फैले पीपीई किटे, मास्क, कपड़े, पत्तल आदि उठवाकर एकत्र कराया और दूर गड्ढ़ा खुदवाकर डलवाया। कैंटीन का निरीक्षण किया। गंदगी मिलने पर ठेकेदार को फटकार लगाई।

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