आफिस परिसर में दलालों का प्रवेश कदापि न हो
रायबरेली एक दिन के लिए अफसर बनीं बेटियां पूरे रौ में दिखीं।
रायबरेली : एक दिन के लिए अफसर बनीं बेटियां पूरे रौ में दिखीं। उन्होंने न सिर्फ पद के अनुरूप कामकाज की बारीकियां सीखीं, बल्कि आदेश-निर्देश भी दिए। मौका था मिशन शक्ति अभियान के तहत मेधावी बेटियों को अधिकारी बनाए जाने का। डीएम पद पर नामित बिटिया ने परिवहन विभाग के आफिस का निरीक्षण करते हुए आगाह किया कि कार्यालय परिसर में दलालों का प्रवेश कदापि न हो।
डलमऊ के बरारा गांव की छात्रा ज्योति को डीएम नामित किया गया। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के साथ बिटिया ने सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक जनता की शिकायतें सुनीं। इसके बाद एआरटीओ आफिस का निरीक्षण करने पहुंच गई। कार्यालय में गंदगी देख संबंधित अफसरों को आगाह किया। साथ ही लाइसेंस बनवाने और वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने आए लोगों से भी समस्याएं पूछीं।
एसपी आफिस में रोहनिया के मिर्जापुर ऐहारी गांव की मेधावी सपना नामित कप्तान बनीं। एसपी श्लोक कुमार के बगल बैठकर उन्होंने ही जन शिकायतें सुनीं। इसी बीच भदोखर से दहेज उत्पीड़न का मामला सामने आया। पीड़िता को महिला थाने जाने के लिए कहा गया। कुछ देर बाद दूसरा पक्ष भी आ गया। दोनों पक्ष जब महिला थाने में आ गए तो सपना भी बतौर कप्तान वहां पहुंचीं और विवाद का निस्तारण करने से संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने महिला थाने का निरीक्षण भी किया। नगर की तुलसी वसुंधरा अपर पुलिस अधीक्षक बनीं। उन्होंने आपसी विवाद, मारपीट और कानून के उल्लंघन के मामले सुने और एएसपी विश्वजीत श्रीवास्तव से जानकारी करके उस पर कार्रवाई के संबंध में निर्देश जारी किए।
महराजगंज की अनुराधा सिंह को सीडीओ बनाया गया। उन्होंने जनपद में हो रहे विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जानी, फिर महराजगंज ब्लाक और तहसील का निरीक्षण करने पहुंचीं। उन्हें विभागीय अफसरों व कर्मियों ने अधिकारी की तरह ही तवज्जो दी और बातों को गंभीरता से लिया। प्रतिभावान छात्रा तुलसी पटेल जिला विद्यालय निरीक्षक बनीं और शिक्षा से जुड़ी जानकारी ली। साथ ही बेहतर करने के संबंध में विचार विमर्श किया।
नहीं दी पहले जानकारी
मिशन शक्ति अभियान के तहत हुए इस कार्यक्रम की जानकारी पूर्व में नहीं दी गई। जब बेटियां सरकारी दफ्तरों में अफसरों की कुर्सी पर बैठीं, तब लोगों को इसके बारे में पता चला। कुछ बड़े अफसरों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई, जिसकी वजह से कुछ देर तक असमंजस की स्थिति बनी रही।