छह माह में चार घटनाएं, 11 झुलसे और एक ने गंवाई जान
लगातार हादसों के बाद भी अवर अभियंता ने नहीं लिया सबक विजय ने जान देकर चुकाया खामियाजा
रायबरेली : गुरुबक्शगंज उपकेंद्र के जेई की लापरवाही से हुई कोई यह पहली घटना नहीं है। छह माह के अंदर चार हादसे हुए। पहली तीन घटनाओं में चार ग्रामीण समेत 11 लोग करंट की चपेट में आए थे। कई तो मौत को मात देकर वापस लौटे थे। इसके बाद भी अवर अभियंता की आंखें न खुलीं, जिसका खामियाजा संविदा कर्मी ने अपनी जान देकर चुकाया।
कोरिहर निवासी विजय की मौत के बाद गुरुबक्शगंज उपकेंद्र में काम करने वाले अन्य संविदा कर्मियों में रोष व्याप्त है।
नाम न छापने की शर्त पर इन संविदा कर्मियों ने बताया कि अवर अभियंता की लापरवाही से पहले ही कई घटनाएं हो चुकी हैं। दो माह पूर्व पूरनपुर गांव में एचटी लाइन का टूटा तार खींचते समय उसमें करंट आ गया था, जिससे चार संविदाकर्मी और चार ग्रामीण झुलस गये थे। जबकि काम शटडाउन लेकर ही किया जा रहा था। चार माह पहले गुरुबक्शगंज में बीएसएनएल टावर के पास संजय और उमेश नाम के लाइनमैन के साथ भी ऐसा ही हुआ था। ताला में छह माह पहले एचटी लाइन दुरुस्त करते समय संविदा कर्मी वीरेंद्र कुमार करंट लगने से झुलस गया था। उपकेंद्र के कर्मचारियों ने जब लापरवाही का विरोध जताया तो झुलसे कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया।
कर्मचारी का हाल जानने भी नहीं पहुंचे थे जेई
बताते हैं कि बुधवार को हुई घटना के बाद अटौरा, उतरपारा और हरचंदपुर के अवर अभियंताओं समेत अन्य कर्मचारी दौड़ते रहे। सीएचसी पहुंचा तो कोई जिला अस्पताल से लखनऊ तक मदद को खड़ा रहा। जबकि गुरुबक्शगंज के जेई अमृतलाल पाल अपने कर्मचारी का हाल जानने भी नहीं पहुंचे। वहीं संविदा निविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विजय कृष्ण चौरसिया ने संगठन की ओर से मृतक के परिवारजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने की बात कही है।