अभिभावकों को चेतावनी, फीस नहीं तो बच्चे ग्रुप से होंगे बाहर

रायबरेली कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसकी जद में नन्हे-मुन्ने बच्चे न आए इसके लि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:27 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 11:27 PM (IST)
अभिभावकों को चेतावनी, फीस नहीं तो बच्चे ग्रुप से होंगे बाहर
अभिभावकों को चेतावनी, फीस नहीं तो बच्चे ग्रुप से होंगे बाहर

रायबरेली : कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसकी जद में नन्हे-मुन्ने बच्चे न आए, इसके लिए लगातार दूसरे साल छोटे बच्चों के स्कूल नहीं खुले। वहीं बड़े बच्चों की पढ़ाई अप्रैल में बमुश्किल से सप्ताहभर चली, उसके बाद बंद करने का फरमान आ गया। इसके बावजूद अभिभावकों पर लगातार फीस का दबाव बनाया जा रहा है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि लाइब्रेरी, खेल और कंप्यूटर की गतिविधियां स्कूल खुले बिना संभव नहीं है। इसके बावजूद फीस में सबकुछ जोड़ा जा रहा है। ऑन लाइन पढ़ाने के बहाने अभिभावकों पर लगातार फीस जमा करने को कहा जा रहा है। वहीं अब बच्चों को ग्रुप से बाहर करने की चेतावनी भी देने जाने लगी है। इससे अभिभावकों में आक्रोश है।

पूरे महीने का मांगा जा रहा वाहन शुल्क

प्राइवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों पर कई तरह के अतिरिक्त फीस का दबाव बनाए हुए हैं। यहां तक कि अप्रैल माह में एक सप्ताह भी बस से नहीं गए और उनसे पूरे महीने का वाहन शुल्क ले लिया गया। नहीं देने वालों पर विद्यालय से बच्चे को बाहर करने की धमकी तक दे रहे हैं।

अनैतिक शुल्क पर रोक लगाने की मांग

किरन वर्मा निकट पुलिस लाइंस का कहना है कि जब स्कूल खुला ही नहीं तो अन्य चार्ज क्यो जोड़े जा रहे हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी महज ऑन लाइन पढ़ाई में पूरी फीस जमा कराई जा रही है। सरकार को इस पर अंकुश लगाना चाहिए। आनंद नगर की गरिमा पाल का कहना है कि निजी स्कूल संचालक मनमानी करने में लगे हैं। इन पर कोई अंकुश नहीं है। फीस नहीं लेंगे तो कैसे देंगे मानदेय

फीस को लेकर दबाव बनाने वाले स्कूल प्रबंधन का कहना है कि फीस ही एक मात्र आय का जरिया है। मुश्किल घड़ी में अपने कर्मचारियों को बाहर नहीं कर सकते हैं। हम उनके साथ खड़े हैं। शुल्क मुनासिब ही लिया जा रहा है। सरकार से हम लोगों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है। ऐसे में सबकुछ फीस पर ही निर्भर है।

फीस को लेकर कोई भी स्कूल प्रबंधन बच्चे को पढ़ने से वंचित नहीं कर सकता है। अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। सरकार की ओर से फीस में छूट को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं आई है। डॉ. चंद्रशेखर मालवीय, डीआइओएस

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