अन्नदाता पराली से बढ़ाएं खेतों की उर्वरा शक्ति

- प्रगतिशील किसानों ने भी बताए पैदावार बढ़ाने के तरीके - पराली का मशीनों द्वारा प्रबंधन तकनीकी पुस्तक का हुआ विमोचन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 11:56 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 11:56 PM (IST)
अन्नदाता पराली से बढ़ाएं खेतों की उर्वरा शक्ति
अन्नदाता पराली से बढ़ाएं खेतों की उर्वरा शक्ति

रायबरेली : फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र में किसान मेले का आयोजन किया गया। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान पराली का मशीनों द्वारा प्रबंधन तकनीकी पुस्तक का विमोचन किया गया।

मुख्य अतिथि कृषि प्रौद्योगिकीय अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. अतर सिंह ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने को प्रदेश में 87 कृषि विज्ञान केंद्र कार्य कर रहे हैं। धान कटाई के बाद समय के अभाव में किसान पराली में आग लगा देते हैं, जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है। लोगों की सेहत पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। फसल अवशेषों को खेतों में सड़ा दें, जिससे मृदा में जीवांश कार्बन की मात्रा में वृद्धि होगी और अगली फसल में उर्वरक पर व्यय कम होगा। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ. एके सिंह ने कहा कि प्रत्येक किसान उत्पादन बढ़ाकर आमदनी बढ़ाएं। उन्होंने आह्वान किया कि खेतों में वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग करें। सह निदेशक प्रसार डॉ. पीके राठी ने बताया कि पुआल का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। जादूगर अजय एंड पार्टी ने अपनी कला के माध्यम से किसानों को प्रभावित किया। डा. केके सिंह, डा. एके तिवारी, डा. आरपीएन सिंह, डा. ओपी वर्मा, डा. आरके कनौजिया, दीपाली चौहान, अनिल कुमार, पंकज मिश्रा, सुमित्रा सिंह, आलोक मौजूद रहे।

प्रगतिशील किसानों ने भी बताए तरीके

आयोजन में सभी का फोकस रहा कि किसी तरह भी अन्नदाताओं की आमदनी भी बढ़ सके। इसके लिए प्रगतिशील किसान प्रदीप कुमार सिंह निवासी शाहजादपुर ऊंचाहार, आनंद मिश्र निवासी डीह व सत्य प्रकाश मिश्र निवासी राजामऊ बछरावां ने किसानों को कम लागत में बेहतर पैदावार के तरीके बताए।

मेले में लगे स्टाल

किसान मेले में कृषि विभाग, मत्स्य पालन, गन्ना विकास विभाग, पशुपालन आदि के स्टाल लगाए गए थे। महिला व पुरुष किसानों ने स्टालों में जाकर जानकारी ली।

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