50 बार आई गई बिजली, एक्सईएन बोले सब सामान्य

दो दर्जन मुहल्लों में सात घंटे ठप रही आपूर्ति अन्य इलाकों में दिनभर आती-जाती रही बिजली

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 12:01 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 12:01 AM (IST)
50 बार आई गई बिजली, एक्सईएन बोले सब सामान्य
50 बार आई गई बिजली, एक्सईएन बोले सब सामान्य

रायबरेली : वीआइपी जिले में बिजली संकट बढ़ गया है। बिजली कब आएगी, कब चली जाएगी। कुछ पता नहीं। कारण हवा चली या बारिश शुरू हुई तो बिजली कट कर दी जाती है। आलम यह है कि गुरुवार दोपहर से शाम तक करीब 50 बार बिजली आई और गई। इस पर भी अधिशासी अभियंता विकास कपूर का कहना था कि कहीं बिजली गुल नहीं हुई सब सामान्य है। कारोबारी हों या घर में रहने वाले लोग, पसीना बहाने को विवश हुए। इस गंभीर संकट को लेकर प्रशासन का मौन भी कभी अप्रिय स्थिति का कारण बन सकता है।

सुबह करीब 10.30 बजे थे। बारिश शुरू नहीं हुई थी, सिर्फ आसमान में काले बादल ही छाए थे। इस बीच पॉवर कारपोरेशन ने उपभोक्ताओं का झटका दे दिया। बारिश शुरू होती, उससे पहले ही बिजली आपूर्ति बाधित कर दी। इसके बाद जब तक बारिश होती रही, तब तक लोगों को बिजली नसीब नहीं हुई। बारिश थमी तो कुछ इलाकों में आपूर्ति शुरू हुई। कचहरी रोड, निराला नगर, इंदिरा नगर, सत्य नगर समेत अन्य इलाकों में इसके बाद भी ट्रिपिग होती रही। 10 मिनट बिजली रुकती तो 20 मिनट के लिए गुल हो जाती। ऐसे में दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे तक करीब 50 बार पॉवर कट हुआ। उधर, जवाहर विहार, रामजी पुरम, बस्तेपुर, मलिकमऊ समेत करीब दो दर्जन मुहल्लों में शाम पांच बजे के बाद लोगों को बिजली नहीं मिली। शहरवासियों का कहना है कि सुधार के नाम पर की जा रही खानापूरी का नतीजा 44 हजार उपभोक्ता झेल रहे हैं। अफसरों के पास इतना भी वक्त नहीं कि समस्या सुन या देख सकें।

ग्रामीण इलाकों में भी व्यवस्था बेपटरी

शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी बेपटरी रही। 132 केवी उपकेंद्र त्रिपुला से निकले खीरों और अटौरा फीडर सुबह से बंद रहे। दोपहर बाद अटौरा की आपूर्ति बहाल हुई, जबकि खीरों उपकेंद्र से जुड़े गांवों में फिर भी बिजली का संकट रहा। अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति ऐसी ही रही।

जवाबदेही से पीछा छुड़ा रहे जिम्मेदार

शहर की बेपटरी बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर अपना पक्ष रखने की जगह जिम्मेदारों ने अब पीछा छुड़ाना शुरू कर दिया है। अधिशासी अभियंता ओपी सिंह के सीयूजी नंबर पर फोन मिलाया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई।

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