अनापत्ति प्रमाणपत्र लिए बगैर बना दी बिजली लाइन
पावर कारपोरेशन के विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिकारियों की मनमानी
रायबरेली : सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का सख्त आदेश है कि किसी भी नेशनल हाईवे (एनएच) को बिजली की लाइन क्रास नहीं करेगी। बहुत आवश्यक होगा तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर भूमिगत केबल डाली जाएगी। विद्युत वितरण खंड प्रथम के अभियंताओं ने यहां इस प्रतिबंध की धज्जियां उड़ाते हुए 33 केवी की लाइन हाईवे के ऊपर से बना दी।
कई साल पहले जिला अस्पताल के लिए त्रिपुला ट्रांसमिशन से एक स्वतंत्र फीडर बनाया गया था। ट्रांसमिशन से लेकर अस्पताल तक पूरी 33 केवी लाइन अंडरग्राउंड थी। इस लाइन को बनाने में मानकों और गुणवत्ता के साथ जमकर खिलवाड़ हुआ था। नतीजतन लाइन सही तरीके से चल न सकी। गल्ला मंडी से लेकर ट्रांसमिशन तक की केबल पूरी तरह से खराब हो चुकी है। इसकी जगह करीब 55 खंभों की ओवरहेड 33 केवी लाइन बनाई जा रही है। ज्यादातर काम पूरा हो चुका है। रतापुर चौराहे पर लाइन के रास्ते में लखनऊ-प्रयागराज नेशनल हाईवे पड़ता है। अभियंताओं ने एनएचएआइ से अनुमति लिए बिना ही हाईवे के ऊपर से बिजली की लाइन निकाल दी।
इनसेट-
अभी से झुकने लगे पोल
रतापुर के निकट लगाए गए डबल पोल तो अभी से झुक गए हैं। खंड के अभियंताओं को कार्यदायी संस्था की यह खामियां नजर नहीं आ रही हैं।
इनकी भी सुनें
हाईवे पर बिजली की लाइन को क्रास कराने के लिए कुछ मानक बने हैं। इन पर अमल करके बिना एनएचएआइ की अनुमति लाइन बनाई जा सकती है। इन्हीं मानकों पर काम कराया गया है।
वाइएन राम, अधीक्षण अभियंता, पावर कारपोरेशन
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हाईवे पर बिजली की ओवरहेड लाइन नहीं बन सकती। एनएचएआइ भी इसकी अनुमति नहीं दे सकता है। हां, एनओसी लेकर अंडरग्राउंड केबल डाली जा सकती है। पावर कारपोरेशन को यह लाइन बनाने के लिए नोटिस भेजा जाएगा।
एन. गिरि, पीडी, एनएचएआइ