हरियाली संग आमदनी, खुशहाल होंगे किसान

- जिले में गंगा किनारे के 29 गांवों में 100 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगाई जाएगी बाग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:31 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:31 PM (IST)
हरियाली संग आमदनी, खुशहाल होंगे किसान
हरियाली संग आमदनी, खुशहाल होंगे किसान

रायबरेली : गंगा एक्सप्रेस वे किसानों के लिए सौगात लेकर आया है। इसमें भूमि जाने पर किसानों को भरपूर मुआवजा दिया जा रहा है। वहीं, अब गंगा नदी से जुड़े क्षेत्रों में हरियाली लाने की तैयारी है। इसमें भी अन्नदाताओं को जोड़ा गया है। इसके लिए उन्हें बकायदा प्रोत्साहन स्वरूप हर महीने एक निश्चित धनराशि दी जाएगी। यह सबकुछ नमामि गंगे योजना से हो सकेगा।

नमामि गंगे योजनांतर्गत जिले में गंगा के किनारे 29 गांवों में 100 हेक्टेयर भूमि पर बाग तैयार की जानी है। उद्देश्य पर्यावरण को समृद्ध बनाना है। खास बात यह है कि किसान स्वेच्छा से किसी भी फल की बाग लगा सकते हैं। निगरानी और देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं की होगी। नमामि गंगे औद्यानिक विकास योजना वर्ष 2021-22 में नया बाग लगाने का लक्ष्य दिया गया है। ऐसे में जिन किसानों के पास स्वयं की भूमि, सिचाई का साधन हो, ऐसे किसानों को योजना में शामिल किया जाएगा। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने संबंधित क्षेत्र के किसानों को जिला उद्यान विभाग से संपर्क कर योजना का लाभ लेने का आह्वान किया है।

हर महीने मिलेंगे तीन हजार रुपये

बाग लगाने वाले किसानों को उद्यान विभाग की ओर से प्रति माह तीन हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से दिए जाएंगे। पौधों की जीवितता सुनिश्चित होने पर तीन वर्षों में एक लाख आठ हजार अनुदान देय होगा। एक किसान कम से कम 0.2 हेक्टेयर से लेकर एक हेक्टेयर की भूमि में बाग लगवा सकता है। इसमें आम, अमरूद, आंवला, बेल और नींबू समेत गुणवत्ता वाले कलमी पौधों में से किसी एक का चयन किया जा सकता है।

इन गांवों को मिलेगा लाभ

डलमऊ ब्लाक में कनहा, डलमऊ, चकमलिक भीटी, दीनशाहगौरा मेंहमीरमऊ, पयागपुर, भगवंतपुर चंदनियां, कल्यानपुर बैती, धीरनपुर, लालगंज में खजूरगांव, जनेवा कटरा, गेंगासों के किसानों को लाभ मिलेगा। सरेनी में रालपुर, सिद्धौरतारा, हमीरपुर, गहरौली, निसगर, कोटिया एहतमाली, मुथुरपुर, सराय खांडे, जगन्नाथपुर, किलौली, बैसआ, रामपुरकलां, सैदापुर व ऊंचाहार में गोकना मुस्तकिल, कल्यानी, कोटरा बहादुरगंज, जब्बारीपुर, खरौली गांव के किसान लाभान्वित होंगे। 15 लाख से पौधशाला, 50 प्रतिशत मिलेगा अनुदान

संबंधित गांवों में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल पौधशाला का भी लक्ष्य है। इसकी उत्पादन क्षमता 25000 होगी। इसमें कलमी फलदार और बीजू फलदार, शोभाकार आदि पौधे उत्पादित किए जाएंगें। पौधशाला की लागत 15 लाख रुपये है। इस पर 50 प्रतिशत अनुदान देय होगा।

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