रूपामऊ से जायस दोहरीकरण पूरा, 25 को आएंगे सीआरएस
रेल विकास निगम लिमिटेड का ट्रायल पूरा अंतिम चरण में निरीक्षण की तैयारियां
रायबरेली : रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने रूपामऊ से जायस तक रेल लाइन के दोहरीकरण और ऊर्जीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। कार्यदायी संस्था के ट्रॉयल में यह ट्रैक पहले ही पास हो चुका है। अब मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। इसके भी महज चार दिन शेष बचे हैं। उम्मीद है कि इसके बाद नए ट्रैक पर ट्रेनें चलने लगेंगी।
उतरेटिया से लेकर अमेठी तक रेल लाइन के ऊर्जीकरण और दोहरीकरण प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। रूपामऊ से जायस तक 20 किमी लंबे रेलखंड के दोहरीकरण और ऊर्जीकरण का कार्य भी इस परियोजना का एक हिस्सा है। रेलवे ने इसे धरातल पर लाने की जिम्मेदारी अपनी ही कार्यदायी संस्था आरवीएनएल को दी थी। संस्था के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर जयंत चौधरी, ज्वाइंट जनरल मैनेजर विनोद वर्मा और प्रबंधक राकेश यादव की देखरेख में यह कार्य कराया गया। प्रबंधक राकेश यादव ने बताया कि काम पूरा करने के बाद ट्रैक का ट्रायल भी सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है।
मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त के दौरे की तैयारियां
25 जून को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त एसके पाठक ऊर्जीकृत और दोहरीकृत हुई इस रेल लाइन का निरीक्षण करेंगे। बारीकी से जांच के साथ ही ट्रैक पर अपनी विशेष ट्रेन चलाकर देखेंगे। इसमें सब कुछ ठीकठाक रहा तो ही ट्रेनों के संचालन की अनुमति मिलेगी। उनके निरीक्षण को लेकर तैयारियों में संस्था के अधिकारी व कर्मचारी जुटे हुए हैं।
फिर निरस्त हुई कानपुर-प्रतापगढ़ इंटरसिटी
लंबे समय से बंद चल रही कानपुर-प्रतापगढ़-कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस (04123-04124) ट्रेन के संचालन का मन रेलवे ने बनाया था। अभी हाल ही में इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन रूपामऊ-जायस के बीच ऊर्जी और दोहरीकरण के कार्य को देखते हुए इसे 25 जून तक के लिए फिर निरस्त कर दिया गया है।