अभियंताओं से खाली हुई जिला पंचायत, कामकाज ठप
आठ अक्टूबर को हुई अराजकता के बाद यहां तैनात पांच इंजीनियर हटाए गए अब उधारी के सहारे मनमानी की जुगत में रसूखदार
रायबरेली : एक अभियंता और चार अवर अभियंताओं के हटाए जाने के बाद जनपद की जिला पंचायत अभियंताओं से पूरी तरह खाली हो गई। कहने के लिए तो शासन ने दूसरे जनपदों से एक सहायक अभियंता और दो अवर अभियंताओं को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया है। यह भी खानापूरी से अधिक कुछ नहीं। जब मूल तैनाती वाले दबाव न झेल सके तो उधारी के अभियंता गुणवत्ता पर कैसे नजर रख पाएंगे। यह एक बड़ा सवाल है।
आठ अक्टूबर को जिला पंचायत कार्यालय परिसर में हरचंदपुर क्षेत्र के ठेकेदार जितेंद्र सिंह ने अभियंताओं पर असलहा तान दिया था। इससे पहले कि बड़ी वारदात होती, उसे पकड़ लिया गया था। इसके बावजूद अभियंताओं में खौफ का माहौल रहा। दरअसल, अभियंता इस घटना में हुई पुलिसिया कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे। यही कारण रहा कि यहां तैनात चार अवर अभियंताओं ने कामकाज करने से साफ इन्कार कर दिया था। यही, नहीं जिले से हटाने की मांग भी उच्चाधिकारियों से की थी। फिर यह मामला राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग तक पहुंचा। इसके बाद शासन ने दखल दिया। जांच की औपचारिकताएं निभाईं गईं और फिर सभी अभियंताओं को जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक पंचायती राज लखनऊ संबद्ध कर दिया गया।
इनसेट इन्हें दिया गया अतिरिक्त चार्ज जिला पंचायत में तैनात अभियंता वीरेंद्र प्रताप सिंह, जेई राहुल कुमार कामले, अभिषेक यादव, मनीष कुमार वर्मा, नंदिता वर्मा को यहां से हटाया गया है। इनके स्थान पर फतेहपुर के अभियंता मो. हारून, बाराबंकी के जेई रनवीर सिंह व गनेश प्रताप सिंह को तीन-तीन दिन यहां काम करने की जिम्मेदारी दी गई है। कामकाज पर पड़ेगा असर
अभियंताओं के हटाए जाने से कामकाज में काफी दिक्कत होगी। अतिरिक्त प्रभारी वाले अभियंताओं के सहारे काम नहीं चल पाएगा। इसलिए अभियंताओं से बात करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सभी ने अपने मोबाइल बंद कर रखे हैं।
जीके सिंह
अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत