पहली बार चहका मंचितपुर और लोधवामऊ में 'लोकतंत्र'
अब तक दबदबे के बदौलत निर्विरोध ही चुन लिए जाते थे ग्राम प्रधान।
सूर्य प्रकाश तिवारी, रायबरेली
वैसे तो तीन हजार से ज्यादा बूथों पर गुरुवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुआ। लगभग हर जगह मतदाताओं में उत्साह भी दिखा। वहीं, अमावां ब्लाक के मंचितपुर और लोधवामऊ ग्राम पंचायत में पहली बार प्रधानी के लिए मतदान हुआ। युवाओं से लेकर बुजुर्ग मतदान करने के लिए कतारबद्ध दिखे, जिनके चेहरों पर एक अलग चमक नजर आई।
रायबरेली-अयोध्या नेशनल हाईवे के किनारे स्थित प्राथमिक विद्यालय में इस गांव का मतदान केंद्र बनाया गया था। यहां दोनों बूथों पर वोटरों की लंबी कतारें दिखी। हाल यह था कि कतार में लगने वाले नए मतदाताओं की संख्या वोट डालकर निकलने वालों पर भारी पड़ रही थी। यहीं पर पेड़ की छांव के नीचे खड़े 60 वर्षीय दुखीलाल और रामदयाल सुस्ता रहे थे। मतदाताओं के उत्साह को लेकर जब इन बुजुर्गों से सवाल हुआ तो बोले कि यहां पहली बार प्रधान चुनने का जो मौका मिला है। इससे पहले तो जनता ने सिर्फ प्रधान बनते देखा है, कभी किसी ने इस पद के लिए मतदान नहीं किया। इलाके के दिग्गज नेता जिसके सिर पर हाथ रख देते थे, वही प्रधान बन जाता था। बताया कि सिर्फ मंचितपुर ही नहीं, लोधवामऊ में भी लोकतंत्र इस बार मुस्कुरा रहा है। वहां, भी पहली बार प्रधान पद के लिए मतदान हो रहा है।
डुग्गी पिटवाकर बनवा देते थे प्रधान :
जिले में सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवारों में गिने जाने वाले इलाके के एक घराने के मुखिया का यहां सिक्का चलता था। चुनाव के पहले डुग्गी पिटवाकर वह अपनी पसंद लोगों के बीच जाहिर कर देते थे। इसके बाद किसी दूसरे की मजाल नहीं, जो कि उनके उम्मीदवार के सामने खड़ा हो जाए।
कई ग्राम पंचायतों में दूसरी बार हुआ मतदान :
मंचितपुर, लोधवामऊ, लालूपुर चौहान, सिधौना, रसेहता, आदमपुर, पहरेमऊ समेत अमावां क्षेत्र की करीब आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में प्रधान निर्विरोध चुन लिए जाते थे। हालांकि, मंचितपुर और लोधवामऊ के अलावा दूसरी ग्राम पंचायतों में दूसरी-तीसरी मर्तबा मतदान हो रहा है।