चौबीस घंटे बाद भी नहीं मिल रहे संक्रमितों के शव

कोविड लेवल-टू हॉस्पिटल में बेहतर सुविधाओं के दावे की पोल रोज खुल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 11:02 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 11:02 PM (IST)
चौबीस घंटे बाद भी नहीं मिल रहे संक्रमितों के शव
चौबीस घंटे बाद भी नहीं मिल रहे संक्रमितों के शव

रायबरेली: कोविड लेवल-टू हॉस्पिटल में बेहतर सुविधाओं के दावे की पोल रोज खुल रही है। शुक्रवार को तमाम तीमारदार मनमानी का आरोप लगाते रहे। कहा कि मौत के 24 घंटे बाद भी शव नहीं दिए जा रहे हैं।

क्षेत्र के बहरामपुर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि उनकी बहन रेशमा की तबीयत खराब होने पर सीएचसी से गुरुवार की दोपहर 12 बजे एल-टू हॉस्पिटल भेजा गया था। समय से उपचार न मिलने के चलते मौत हो गई। दोपहर 12 बजे तक वे अस्पताल प्रशासन के चक्कर काटते रहे, लेकिन शव नहीं मिल सका। बेलाभेला सीएचसी में वार्डब्वॉय अनुराग रावत की ड्यूटी एल-टू हास्पिटल में 18 अप्रैल को लगाई गई थी। 19 अप्रैल को संक्रमित होने की वजह से वहीं उपचार के लिए भर्ती किया गया। 22 अप्रैल को निधन हो गया। परिवारजनों का आरोप है कि स्टाफ का होने के बावजूद उसके उपचार में लापरवाही बरती गई। इससे उसका असामयिक निधन हो गया। अनुराग का शव पाने के लिए उन्हें 24 घंटे इतंजार करना पड़ा। छतोह से आए शैलेंद्र ने बताया कि भाई मिश्रीलाल यादव यहां पर भर्ती हैं। सांस लेने में समस्या होने के बावजूद ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। इस मामले में जानकारी के लिए एल-टू प्रभारी डॉ. आरके तिवारी और उपजिलाधिकारी जीतलाल सैनी को कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन कॉल नहीं रिसीव किया।

कोरोना ड्यूटी छोड़ चले गए चिकित्सक ऊंचाहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. डीके यादव व डॉ. हेमलता की ड्यूटी कोरोना जांच में लगाई गई है। शुक्रवार की दोपहर बिना कार्य पूरा कराए ही दोनों चिकित्सक आवास पर चले गए। कार्य के प्रति उदासीनता पाए जाने पर अधीक्षक ने दोनों से स्पष्टीकरण मांगा है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. एमके शर्मा ने बताया कि दोनों ही कर्मचारी बिना सूचना के कार्य को अधूरा छोड़कर चले गए।

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