थुलरई और नरेंद्रपुर में कोरोना जांच से ग्रामीणों ने बनाई दूरी
सर्दी जुकाम और बुखार से मरीजों की मौत की खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया।
रायबरेली: सर्दी, जुकाम और बुखार से मरीजों की मौत की खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया। तहसील के अफसरों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम लेकर थुलरई और नरेंद्रपुर में ग्रामीणों का हाल जाना। गांव के लोग जांच कराने को लेकर गंभीर नहीं दिखे, यही वजह रही कि दोनों गांवों में ये आंकड़ा सौ के करीब भी नहीं पहुंच सका।
शुक्रवार के अंक में दैनिक जागरण ने इन दोनों गांवों की लाइव खबर प्रकाशित की थी। एसडीएम विजय कुमार ने खबर का संज्ञान लिया और स्वयं डलमऊ सीएचसी से जांच टीम लेकर नरेंद्रपुर पहुंचे। पहले तो लोग कोरोना जांच के लिए आगे नहीं आ रहे थे। उनकी अपील पर 25 ग्रामीणों का एंटीजन टेस्ट व 30 की आरटी पीसीआर जांच कराई गई। एसडीएम ने बुखार व खांसी से पीड़ित ग्रामीणों को दवाएं वितरित कराई। उनके निर्देश पर आशा बहू मीना और रीता ने डोर-टू-डोर जाकर थर्मल स्कैनिग की, साथ ही ऑक्सीमीटर से लोगों का ऑक्सीजन लेवल चेक किया। थुलरई में नायब तहसीलदार सत्य प्रकाश गौरा सीएचसी की टीम लेकर पहुंचे। यहां भी कोरोना जांच को लेकर ग्रामीणों का रुख ज्यादा सकारात्मक नहीं रहा। 45 लोगों की एंटीजन और 17 की आरटी पीसीआर जांच की गई। गौरा सीएचसी की टीम अपने साथ जुकाम, बुखार की दवाएं नहीं लाई, इसलिए बीमार ग्रामीणों को बैरंग ही लौटना पड़ा। अच्छी बात ये रही कि दोनों गांवों में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज एंटीजन जांच में नहीं मिला, आरटी पीसीआर की रिपोर्ट एक-दो दिन बाद आएगी। एसडीएम ने बताया कि साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए सभी बीडीओ को निर्देशित किया जा चुका है। इनसेट--
सुल्तानपुरखेड़ा में बाहरी लोगों के आवागमन पर रोक
सतांव : सुल्तानपुर खेड़ा गांव में भी महज एक माह के भीतर करीब 25 लोग सर्दी, जुकाम और बुखार की बीमारी से अपनी जान गवां चुके हैं। जागरण ने खबर लिखकर प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया था। पिछले हफ्ते एसडीएम की मौजूदगी में करीब सात सौ लोगों की कोरोना जांच भी कराई गई। पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। बाहरी लोगों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।