गांव की सरकार बनाने को चटख होगा सफेद, हरा, नीला और गुलाबी रंग
- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज अफसरों से कसी कमर - प्रत्येक पद के लिए अलग-अलग रंग का होगा मतपत्र सौंपी जिम्मेदारी
रायबरेली : गंवई राजनीति एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। कारण गांव की सरकार (त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव) चुनने को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी महफिलें सजने लगी हैं। दावेदारों ने मतदाताओं की परिक्रमा करनी शुरू कर दी है। अफसर भी इसको लेकर सतर्क हो गए हैं। मतदाता सूची को लेकर पुनरीक्षण कार्य जोरों से चल रहा है। वहीं, अलग-अलग पदों के लिए सफेद, हरा, नीला और गुलाबी रंग निर्धारित कर दिया गया है।
इनसेट
एसओसी की अगुवाई में टीम आज होगी रवाना
पंचायत चुनाव के लिए 78 लाख 95 हजार 600 मतपत्र तैयार हो गए हैं। कैपिटल बिजनेस सिस्टम दिल्ली से मतपत्र लाने के लिए चकबंदी अधिकारी (बंदोबस्त) की अगुवाई में चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी के अलावा करीब 24 कर्मचारियों को शामिल किया गया है। प्रशासन की ओर से तीन ट्रक, एक बस और अधिकारियों के लिए एक वाहन की व्यवस्था की गई है।
किस पद के लिए कौन सा रंग
ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सफेद, प्रधान हरा, बीडीसी मेंबर नीला और जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा। प्रशासन की ओर से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गोरा बाजार में रखवाने की व्यवस्था की गई है।
मतदाता पुनरीक्षण कार्य में छूट रहा पसीना
वर्तमान में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम चल रहा है। बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सर्वे कर सूची तैयार करने में जुटे हुए हैं। आयोग में इसके साथ दूसरी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यदि पदों के चुनाव की रूपरेखा में कोई परिवर्तन न किया गया तो मतदान के लिए मतपत्रों के रंग को भी तय कर दिया गया है। यह पिछले चुनाव के जैसे ही होंगे।
नाम कटाने और जोड़ने का चल रहा खेल
जिले में 989 ग्राम पंचायतें हैं। वर्तमान में दावेदार खुद को मजबूत करने के लिए साम, दाम, दंड, भेद आजमा रहे हैं। विपक्षी के समर्थकों के नाम सूची से हटाने और जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। वहीं, बीएलओ को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।