बाल रोग विशेषज्ञ हैं नहीं, इलाज को तरस रहे मासूम

- दो डॉक्टर चिकित्सीय अवकाश पर दूसरे की एल-2 हॉस्पिटल में लगा दी ड्यूटी - चिकित्सक के न आने पर बचों को डिस्चार्ज कराकर प्राइवेट में जाना मजबूर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 11:43 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 11:43 PM (IST)
बाल रोग विशेषज्ञ हैं नहीं, इलाज को तरस रहे मासूम
बाल रोग विशेषज्ञ हैं नहीं, इलाज को तरस रहे मासूम

रायबरेली : जिला पुरुष अस्पताल में बीमार बच्चों की देखरेख के लिए डॉक्टर ही नहीं है। चिकित्सीय स्टाफ के भरोसे किसी तरह उनका इलाज किया जा रहा है। चिकित्सक के न आने पर तीमारदार अपने बच्चों को प्राइवेट अस्पतालों में ले जा रहे है।

रविवार की शाम को बच्चा वार्ड में सिर्फ सात बच्चे भर्ती मिले। पूछने पर तीमारदारों ने बताया कि डॉक्टर नहीं हैं, इसलिए कई बीमार बच्चों को उनके स्वजन दूसरे अस्पतालों में लेकर चले गए हैं। अभी कुछ दिनों तक यहां चिकित्सक नहीं आएंगे। ऐसे में नर्स ही बीमार बच्चों का इलाज कर रही हैं। अस्पताल प्रशासन से जानकारी मिली है कि यहां दो बाल रोग विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं। डॉ. एके गौतम चिकित्सीय अवकाश पर हैं और दूसरे डॉ. राजेंद्र शर्मा की ड्यूटी एल-2 फैसिलिटी सेंटर में चल रही है। कुपोषण केंद्र के प्रभारी डॉ. ज्ञानेंद्र चतुर्वेदी अभी तक अपनी सेवाएं बच्चा वार्ड में दे रहे थे, मगर उनका भी स्वास्थ्य एकाएक गड़बड़ हो गया। उन्हें भी बेड रेस्ट पर भेजा गया है।

जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ की व्यवस्था न होना बहुत ही शर्मनाक है। मासूम बच्चों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। गरीब परिवार वाले तो बीमार हालत में ही अपने कलेजे के टुकड़े को घर ले जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। प्रशासन ने बैठे बड़े जिम्मेदार भी इस समस्या का निस्तारण नहीं करा पा रहे हैं, जोकि बेहद सोचनीय है। वर्जन,

बाल रोग विशेषज्ञ की कमी है। दो डॉक्टर हमारे पास हैं जरूर लेकिन एक की ड्यूटी एल-2 फैसिलिटी सेंटर में लगा दी गई है। एक डॉक्टर मेडिकल लीव पर हैं।

डॉ. एनके श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

chat bot
आपका साथी