औद्योगिक पार्क की आस, खोजे नहीं मिल रही 20 एकड़ जमीन
- काष्ठ कला सहित दूसरे उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे तलाशी जा रही भूमि
रायबरेली : गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक पार्क की स्थापना किए जाने की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के युवाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। तहसील प्रशासन पार्क के लिए जमीन खोजने में लगा है। इसके लिए 20 एकड़ भूमि की दरकार है।
प्रदेश सरकार ने गंगा एक्सप्रेस वे से जुड़े जनपदों में औद्योगिक पार्क स्थापित करने की योजना बनाई है। इसी क्रम में करीब एक माह पूर्व तहसील प्रशासन को पत्र भेजकर 32 बीघा निश्शुल्क भूमि का चिन्हांकन कर प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। एक ही स्थान पर इतनी भूमि की खोज तहसील प्रशासन की ओर से लगातार कराई जा रही है, लेकिन अबतक सफलता हासिल नहीं हुई। जानकारों ने बताया कि एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक पार्क के निर्माण से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, साथ ही स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कामगारों को जिले में ही रोजगार मिलेगा। उद्योगों से हुए उत्पादन को एक्सप्रेस वे के माध्यम से बड़े शहरों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। खासकर काष्ठ कला से जुड़े उद्यमियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। ये भी बता दें कि क्षेत्र में महिलाएं समूह बनाकर लकड़ी के उत्पाद जैसे टोकरी, हाथ पंखें आदि बना रही हैं। ये उत्पाद अभी लखनऊ और कानपुर तक ही भेजे जा रहे हैं। एक्सप्रेस वे से जनपद जुड़ने के बाद यही उत्पाद देश की राजधानी तक आसानी से पहुंचाए जा सकेंगे।
औद्योगिक पार्क के लिए 20 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, लेकिन अब तक चिन्हित नहीं हो सकी है। लेखपालों को निर्देशित किया गया है कि वह क्षेत्र में भूमि की तलाश करके उसका सीमांकन करें, ताकि रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा सके।
प्रतीत त्रिपाठी, तहसीलदार