सैकड़ों दुकान वाली इमारत में 10 फीट की पार्किंग

रायबरेली घंटाघर और कचहरी रोड पर अवैध निर्माणों का हाल सब जा चुके हैं। सिविल लाइंस का हाल भी जुदा नहीं है। लखनऊ-प्रयागराज हाईवे के किनारे स्थित बरगद चौराहे को कौन नहीं जानता। इसके इर्द-गिर्द सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ाती इमारतें ही दिखीं। हाईवे से सटी एक चार मंजिला इमारत भी है जो खुलेआम शासन के आदेशों को मुंह चिढ़ा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:28 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:28 PM (IST)
सैकड़ों दुकान वाली इमारत में 10 फीट की पार्किंग
सैकड़ों दुकान वाली इमारत में 10 फीट की पार्किंग

रायबरेली : घंटाघर और कचहरी रोड पर अवैध निर्माणों का हाल सब जा चुके हैं। सिविल लाइंस का हाल भी जुदा नहीं है। लखनऊ-प्रयागराज हाईवे के किनारे स्थित बरगद चौराहे को कौन नहीं जानता। इसके इर्द-गिर्द सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ाती इमारतें ही दिखीं। हाईवे से सटी एक चार मंजिला इमारत भी है, जो खुलेआम शासन के आदेशों को मुंह चिढ़ा रही है। पार्किंग की जगह दुकानें बनवाकर बिल्डर ने वाहनों के लिए 10 फीट जगह छोड़ रखी है।

शहर के सबसे क्रीम इलाके में यह इमारत विकास प्राधिकरण के अभियंताओं और बिल्डरों के गठजोड़ की बानगीभर है। इसके ठीक बगल में रेलवे क्रासिग के सामने भी ऐसी ही एक अन्य चार मंजिल की इमारत है। यहां तो पार्किंग ही नहीं दिखी। बरगद चौराहे से आगे सिविल लाइंस की तरफ बढ़ने पर बाइक एजेंसी दिखी। यहां पार्किंग की जगह थी, लेकिन उस पर एजेंसी वाले का कब्जा है। बाहर से आने वाले लोग हाईवे पर ही वाहन खड़ा कर रहे थे। चंद कदम आगे एक मैरिज लॉन है। यहां शादी समारोह के लिए तो पर्याप्त जगह थी, मगर पार्किंग का स्थान नजर नहीं आया। इनसेट सिर्फ एक पर कार्रवाई, बाकी को छूट बिना पार्किंग वाली ऐसी ही छोटी-बड़ी कई इमारतें सिविल लाइंस से गोल चौराहे तक दिखीं। इसके बीच दो मंजिल की दुकानें भी थीं, जिन्हें करीब डेढ़ साल पहले आरडीए ने ही तोड़ा था। कारण, ये अवैध रूप से बनाई गई थीं। यही एक उदाहरण प्राधिकरण की सक्रियता का रहा, अन्यथा दूसरे अवैध निर्माण तो जिम्मेदारों की कृपा से ही हुए हैं।

सिविल लाइंस इलाके में अवैध निर्माणों की जानकारी नहीं है। इसकी पड़ताल कराई जाएगी। जो निर्माण अवैध मिलेंगे, उन पर विभागीय कार्रवाई होगी।

बीपी मौर्य, प्रभारी सचिव, आरडीए

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