500 शहरी गरीबों को झटका, देवानंदपुर में नहीं बनेंगे आवास

बजट और डिमांड की कमी की बात कहकर विकास प्राधिकरण ने निर्माण से खड़े किए हाथ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:59 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:59 PM (IST)
500 शहरी गरीबों को झटका, देवानंदपुर में नहीं बनेंगे आवास
500 शहरी गरीबों को झटका, देवानंदपुर में नहीं बनेंगे आवास

रायबरेली : इस मुहल्ले तो कभी उस मुहल्ले। कब कहां रहें, इसका कोई ठिकाना नहीं। हर साल मकान के बढ़े हुए किराए की चिता अलग। ऐसे ही जीवन जी रहे 500 गरीब परिवारों को रायबरेली विकास प्राधिकरण ने तगड़ा झटका दिया है। बजट और डिमांड की कमी का हवाला देते हुए देवानंदपुर में प्रस्तावित पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत आवास निर्माण से हाथ पीछे खींच लिए।

शहरी गरीबों को कम कीमत पर पक्की छत मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने करीब दो साल पहले यह योजना शुरू की थी। इसमें दो कमरे के फ्लैट बनाकर दिए जाने थे। शहर में दो जगह निर्माण कराने का खाका खींचा गया था। बरखापुर में 235 आवासों का करीब 80 फीसद निर्माण पूरा भी हो चुका है। दूसरी परियोजना देवानंदपुर के लिए बनाई गई थी। यहां पर 480 फ्लैट बनाए जाने थे। करीब एक हेक्टेयर भूमि आरडीए ने चिन्हित कर ली थी। इंतजार था तो बजट मिलने का, लेकिन इसमें लेटलतीफी होती गई। आरडीए के प्रभारी सचिव बीपी मौर्य ने बताया कि बजट और डिमांड की कमी को देखते हुए देवानंदपुर में प्रस्तावित आवास निर्माण परियोजना निरस्त करने की संस्तुति शासन से की गई है।

इंतजार ही करते रह गए आवेदक

आरडीए लाख कहे कि मांग कम थी, लेकिन ऐसा नहीं है। बरखापुर योजना में ही 380 आवेदन आए थे। आवास 235 ही थे, 145 आवेदकों को देवानंदपुर में पक्की छत मुहैया कराने की तैयारी थी। उधर, इस परियोजना के लिए अलग से 117 आवेदन आ चुके थे। इसके अलावा बहुत से लोग ऐसे भी थे जो निर्माण शुरू होने की राह देख रहे थे।

असल मुद्दा है आर्थिक संकट

योजना के तहत एक आवास की लागत करीब सात लाख है। इसमें ढाई लाख की सब्सिडी सरकार देगी। ढाई लाख आरडीए को वहन करने के लिए कहा गया है। दो लाख रुपये लाभार्थियों से लिए जाने हैं। बरखापुर की परियोजना पहले ही बजट के संकट से जूझ रही थी। यही कारण है कि आरडीए ने दूसरे में हाथ डालने से साफ इन्कार कर दिया।

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