25 दिन से अंधेरे में गांव, फूटा ग्रामीणों का आक्रोश
ट्रांसफार्मर बदलने में अभियंता 25 दिन लगा रहे हैं
रायबरेली : बिजली आपूर्ति व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के बड़े-बड़े दावे पावर कारपोरेशन कर रहा है, जबकि हकीकत कुछ और ही है। हाल यह है कि ट्रांसफार्मर बदलने में अभियंता 25 दिन लगा रहे हैं। इस व्यवस्था से नाराज कुछ ग्रामीणों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। हरचंदपुर के हरनी गांव से आए लोगों में पावर कारपोरेशन के खिलाफ नाराजगी रही। उनका कहना था कि करीब 25 दिन पहले गांव में लगा ट्रांसफार्मर खराब हो गया था। कई बार इसकी शिकायत बिजली उपकेंद्र पर की गई। विभाग के कर्मचारियों को भी इसके बारे में बताया गया, फिर भी ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया। इसके कारण कई घरों में बिजली का संकट है। डीएम से मिलने आए ग्रामीणों ने उनके कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जताई। प्रेम कुमार, धीरेंद्र, अखिलेश कुमार, रामअवतार, ननकू, कल्लू सिंह, महेश ने जिलाधिकारी से समस्या का निदान कराने की मांग की है।
कोटेदार के चयन में मनमानी का आरोप
रायबरेली : सतांव के पुरवा पिडौर से आए ग्रामीणों ने कोटेदार के चयन में मनमानी का आरोप लगाया। अशोक कुमार समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि 21 सितंबर को गांव में कोटेदार का चयन कराया गया था। दो उम्मीदवार मैदान में थे। दोनों के समर्थकों को अलग-अलग पंक्ति में बैठाया गया था। वहां पर मौजूद पुलिस ने दूसरे गांव के लोगों को भी एक उम्मीदवार के पक्ष में बैठा दिया और उसकी जीत सुनिश्चित करा दी। मामले की शिकायत की गई तो ब्लाक से जांच कराई गई। ब्लाक के अधिकारियों ने ग्रामीणों के बयान लिए बगैर ही अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी। ग्रामीणों ने चयन निरस्त कर फिर से चुनाव कराने की मांग की।