पाबंदियों संग बढ़ा मनमाना यातायात, निगरानी सुस्त

-महामारी की भयावहता से सतर्क होने को तैयार नहीं कुछ लोग -कोरोना व कानून को हल्के में लेकर दिनभर यह करते खिलवाड़

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 12:14 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 12:14 AM (IST)
पाबंदियों संग बढ़ा मनमाना यातायात, निगरानी सुस्त
पाबंदियों संग बढ़ा मनमाना यातायात, निगरानी सुस्त

अंबेडकरनगर: कोरोना महामारी की चपेट में आए लोगों से अस्पताल भरे पड़े हैं। श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार का तांता लगा है। दवाएं खोजे नहीं मिल रही हैं, आक्सीजन के लिए लोगों को भटकते देखा जा सकता है। इसके बाद भी कोरोना क‌र्फ्यू और कानून के खौफ से बेफिक्र मनमानी करने वाले सड़कों पर भीड़ लगाए हैं। बाजार और प्रतिष्ठान बंद हैं, जागरूक लोग घरों में सिमटे व अपनों को सुरक्षित करने में जूझ रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों की मनमानी औरों के लिए मुसीबत बनने लगी है। महामारी के फैलाव और भयावहता को देखते हुए सरकार ने 17 मई तक के लिए कोरोना क‌र्फ्यू बढ़ा दिया है। इसके उलट सड़कों पर मनमाना यातायात थमने के बजाए बढ़ने लगा है। निगरानी करने में लगे अधिकारी सुस्त पड़े हैं। सोमवार सुबह से लेकर शाम तक जिला मुख्यालय से ग्रामीणांचल तक की सड़कों पर यह लापरवाही देखने को मिली।

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खुलेआम उड़ा रहे खिल्ली : कोरोना महामारी से बचाव की पाबंदियों और कानून की सख्ती की लोग खुलेआम खिल्ली उड़ा रहे हैं। हालांकि यह संख्या काफी कम है, लेकिन कोरोना की चेन तोड़ने और जनता को सुरक्षित रखने की मंशा पर यह भारी पड़ती दिखती है। चार पहिया वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाया जाने लगा है। बाइक पर बगैर हेलमेट के तीन से चार सवार बैठे मिल सकते हैं। मास्क लगाए इन लोगों को शारीरिक दूरी के पालन का ख्याल नहीं है।

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जीविका चलाना हुआ कठिन : समृद्ध लोगों के लिए तो कोरोना क‌र्फ्यू में विशेष परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन गरीब तबका अब परेशान दिखने लगा है। काम-धंधा बंद होने और दिहाड़ी नहीं मिलने से जीविका चलाना कठिन लगने लगा है। मजदूरों से लेकर फेरी लगाने वाले, फुटपाथ दुकानदार रोजाना की कमाई से घर चलाते रहे हैं। अब इनके सामने परिवार के भरण पोषण को लेकर आर्थिक संकट खड़ा है।

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