युवक की सड़क हादसे में मौत
संसू संग्रामगढ़ घर से अपनी पत्नी के मामा के घर के लिए निकले युवक का शव सड़क के किनार
संसू, संग्रामगढ़: घर से अपनी पत्नी के मामा के घर के लिए निकले युवक का शव सड़क के किनारे मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया।
संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के विजईमऊ बंधवा गांव का 48 साल का राम बहादुर शनिवार की शाम करीब छह बजे घर से यह कहकर निकला था कि वह अपनी पत्नी विजमा देवी के मामा के घर कुंडा कोतवाली के मियां का पुरवा गांव निवासी सुंदर लाल पटेल के घर जा रहा है। देर तक तक वह नहीं पहुंचा था। स्वजन उसकी खोजबीन करना शुरू कर दिए। रात करीब दस बजे संग्रामगढ़ पुलिस गश्त पर निकली तो अस्थवां गांव के पास सड़क के किनारे एक बाइक पड़ी दिखी। इस पर पुलिस ने बाइक के आसपास खोजबीन करना शुरू कर दिया। वहां राम बहादुर सड़क के किनारे घायल दशा में दिखाई पड़ा। पुलिस आनन-फानन में लेकर सीएचसी कुंडा पहुंची। वहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने बाइक पर लिखें नंबर प्लेट को सर्च किया तो उस पर राम बहादुर का पता मिला। पुलिस ने घटना की सूचना स्वजनों को दी। मौत की खबर मिलते ही स्वजन बदहवास हो गए। रविवार की सुबह पुलिस ने शव का पंचनामा कर उसे पेास्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रभारी एसओ गिरीश चंद्र द्विवेदी का कहना है कि सड़क हादसे में मौत हुई है। स्वजनों ने अभी तक कोई तहरीर नही दी है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। कोरोना से संक्रमित चालक ने तोड़ा दाम़ : जिले में एक महीने के बाद कोरोना से एक मरीज की मौत हो गई। इससे स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है।
गोंडा का रहने वाला 40 साल का एक युवक स्वास्थ्य विभाग में चालक था। वह सीएमओ कार्यालय से संबद्ध था। आठ जून को कोरोना जैसे लक्षण पाए जाने पर उसे कोविड एल-टू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पर रविवार को उसने दम तोड़ दिया। उसके मरने के कुछ घंटे बाद रिपोर्ट आई तो उसके कोरोना संक्रमित होने का पता चला। इसके पहले उसका शव एंबुलेंस से उसके घर भेजा जा चुका था। ऐसे में स्वजनों को भी संक्रमण अपनी चपेट में ले सकता है। वैसे देखा जाए तो करीब तीन सप्ताह से जिले में कोरोना काबू में है। दस-पांच नए मरीज ही मिल रहे हैं। इससे राहत महसूस कर रहे विभाग के सामने चालक की मौत फिर से चुनौती के रूप में है। अपर सीएमओ डा. सीपी शर्मा का कहना है कि संक्रमण की गति कम है, पर खतरा तो बना है। किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जिले में अब तक 16 हजार लोग संक्रमित होने के बाद उपचार करवाकर स्वस्थ भी हो चुके हैं। जबकि डेढ़ सौ लोग जिदगी की जंग हार गए हैं।