तूने किया मेरा नाम रोशन, तू ही मुझसे पहले चला

अलीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मो. शब्बीर के इंतकाल की मनहूस खबर आते ही पैतृक गांव राजापुर मुफरिद में शोक की लहर दौड़ गई। 100 वर्षीय पिता मो. हनीफ बेटे की मौत की खबर सुनकर अंदर तक हिल गए। अभी कुछ दिन पहले ही बेटे से वीडियो कालिग से दुख-दर्द बांटा था। सामने कराहते बेटे को देख फफक पड़े थे। बेटे की जिदगी पर मंडराती काली साया से आगाह किया था मगर ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। जब उन्हें अपने सबसे लाडले बेटे शब्बीर की मौत की खबर दी गई तो वह बिलख-बिलख कर रो पड़े। वह बार-बार यही कहते अरे तूने तो पूरे खानदान का नाम रोशन किया और तू हमसब को छोड़कर पहले चला गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 10:44 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:44 PM (IST)
तूने किया मेरा नाम रोशन, तू ही मुझसे पहले चला
तूने किया मेरा नाम रोशन, तू ही मुझसे पहले चला

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : अलीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मो. शब्बीर के इंतकाल की मनहूस खबर आते ही पैतृक गांव राजापुर मुफरिद में शोक की लहर दौड़ गई। 100 वर्षीय पिता मो. हनीफ बेटे की मौत की खबर सुनकर अंदर तक हिल गए। अभी कुछ दिन पहले ही बेटे से वीडियो कालिग से दुख-दर्द बांटा था। सामने कराहते बेटे को देख फफक पड़े थे। बेटे की जिदगी पर मंडराती काली साया से आगाह किया था, मगर ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। जब उन्हें अपने सबसे लाडले बेटे शब्बीर की मौत की खबर दी गई तो वह बिलख-बिलख कर रो पड़े। वह बार-बार यही कहते, अरे तूने तो पूरे खानदान का नाम रोशन किया और तू हमसब को छोड़कर पहले चला गया। प्रतापगढ़ जिले के बेलखरनाथ ब्लाक के राजापुर मुफरिद

गांव के रहने वाले मो. हनीफ के चार बेटों में मो. शब्बीर दूसरे नंबर पर थे। उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट शहर के जीआइसी से किया था। यहां से वह बीए करने लखनऊ विश्वविद्यालय चले गए। वहीं से एलएलबी किया। यहां से अलीगढ़ विश्वविद्यालय में अध्ययन करने चले गए। वहां से एलएलएम और पीएचडी किया। वहीं पर सहायक प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवा देनी शुरू कर दी और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

प्रो. शब्बीर ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी से बेटे अवारुल हक हैं। वह इस समय सऊदी के कतर में एक फैशन डिजाइन कंपनी के सीईओ हैं। दूसरी पत्नी से एक बेटा और एक बेटी हैं, अलीगढ़ में ही रहते हैं। जागरण से बातचीत के दौरान मो. शब्बीर के भतीजे अब्दुल मुनीफ ने बताया कि प्रोफेसर साब चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। बड़े भाई मो. शरीफ मुंबई में रहते हैं। ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है। तीसरे नंबर मो. सईद यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी से रिटायर हैं, परिवार के साथ लखनऊ में रहते हैं। चौथे नंबर के भाई मो. मोबिन का इंतकाल कुछ साल पहले हो गया , वह सऊदी अरब में रहते थे। प्रो. शब्बीर यूं तो पैतृक घर कम ही आ पाते थे, हालांकि जब भी गांव का कोई युवक शिक्षा के मामले में उनसे मिलता तो वह उसकी पूरी ताकत से मदद करते।

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