महिलाओं को रखना है ध्यान, प्लाज्मा डोनेशन न दे अंजाम
कोरोना काल में लोग कई तरह के दान कर रहे हैं। इसमें एक है प्लाज्मा का दान। इसके दान करने से कोरोना संक्रमित मरीज को जिदगी की उम्मीद मिल जाती है। ऐसा दान करने के लिए लोगों को प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं शिक्षक अनिल कुमार निलय। वह स्लोगन में लिखते हैं कि..वैक्सीन कोरोना की यदि आपने हो लगवाई 2
जासं, प्रतापगढ़ : कोरोना काल में लोग कई तरह के दान कर रहे हैं। इसमें एक है प्लाज्मा का दान। इसके दान करने से कोरोना संक्रमित मरीज को जिदगी की उम्मीद मिल जाती है। ऐसा दान करने के लिए लोगों को प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं शिक्षक अनिल कुमार निलय। वह स्लोगन में लिखते हैं कि..वैक्सीन कोरोना की यदि आपने हो लगवाई, 28 दिनों से पूर्व प्लाज्मा मत देना तुम भाई। इस तरह के स्लोगन व गीतों से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमारे ब्लड का लगभग 55 फीसद हिस्सा प्लाज्मा होता है। प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्ति को इससे किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती। निलय राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सराय आनादेव के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। स्लोगन में वह यह भी बताते हैं कि प्लाज्मा देने में किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। कौन इसे दे सकता है, कौन नहीं।
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कुछ रोचक स्लोगन
1-उम्र अठारह से कम न हो साठ से ज्यादा,
प्लाज्मा डोनेशन का तभी बनाएं इरादा।
2-प्लाज्मा डोनेट करने में सदा रखें वजन का ध्यान,
पचास किलो से कम होने पर करें न इसका दान।
3-कोरोना की जंग जीते लगभग बीत गया हो माह,
प्लाज्मा डोनेशन की आप तब ही रखना चाह।
4-हीमोग्लोबिन काउंट अगर गिरे आठ से नीचे,
प्लाज्मा डोनेशन से तुम कदम खींच लो पीछे।
5-कैंसर,हाइपर टेंशन या हो ब्लड का प्रेशर हाई,
प्लाज्मा डोनेट आप तब मत ही कीजिए भाई।
6-गर्भवती महिलाओं को रखना है यह ध्यान,
प्लाज्मा डोनेशन को आप मत दीजिये अंजाम।
7-किडनी,हार्ट या लीवर की हो कोई बीमारी,
प्लाज्मा डोनेशन की मत कीजिए तैयारी।
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यह होता है प्लाज्मा
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. मनोज खत्री बताते हैं कि प्लाज्मा खून में मौजूद पीला तरल पदार्थ होता है। इसकी मदद से सेल्स और प्रोटीन शरीर के विभिन्न अंगों में खून पहुंचाता है। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति का प्लाज्मा संक्रमित व्यक्ति को चढ़ाया जाता है, जिससे उसकी रिकवरी की दर तेज हो जाती है।