पासपोर्ट पाने के लिए करना होगा दो माह का इंतजार
प्रधान डाकघर में खोला गया पासपोर्ट सेंटर का हाल बेहाल है। संसाधन के अभाव व विभाग की उपेक्षा के चलते पासपोर्ट बनाने के लिए लोगों को काफी परेशान करना पड़ रहा है। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के डेढ़ से दो माह बाद उनको मिल पा रहा है। जिन्हें इसकी अधिक जरूरत है वह इसे बनवाने के लिए लखनऊ का चक्कर लगा रहे हैं।
संसू, प्रतापगढ़ : प्रधान डाकघर में खोला गया पासपोर्ट सेंटर का हाल बेहाल है। संसाधन के अभाव व विभाग की उपेक्षा के चलते पासपोर्ट बनाने के लिए लोगों को काफी परेशान करना पड़ रहा है। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के डेढ़ से दो माह बाद उनको मिल पा रहा है। जिन्हें इसकी अधिक जरूरत है, वह इसे बनवाने के लिए लखनऊ का चक्कर लगा रहे हैं।
जिले भर के लोगों की सहूलियत के लिए नौ मार्च 2018 को प्रधान डाकघर में पासपोर्ट कार्यालय खोला गया था। इसके खुलते ही आए दिन दर्जनों लोग पासपोर्ट बनवाने के लिए कार्यालय में पहुंचने लगे थे। करीब एक साल तक सब कुछ ठीक-ठाक चला। इन दिनों संसाधन व कर्मचारियों की कमी से बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ऑनलाइन आवेदन न होने से अधिक दिक्कत हो रही है। मैन्युवल में फार्म जमा होने के बाद उसे इकठ्ठा किया जाता है। जब 50 से 100 फार्म हो जाता है, तब उसे लखनऊ भेजा जाता है। इस बीच ही एक से डेढ़ माह लग जाता है। जिसे पासपोर्ट के लिए अधिक जरूरत रहती है, वह सीधे लखनऊ पहुंच जाता है। इस वजह से अब तो कार्यालय की हालत यह हो गई है कि पूरे दिन में दो से तीन लोग ही पासपोर्ट बनवाने के लिए रोजाना कार्यालय में आवेदन कर रहे हैं।
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फार्म के साथ देना होता है दस्तावेज
पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदक को आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाण पत्र आदि देना होता है। आवेदन फार्म के साथ इसे नत्थी करना होता है। इसके बाद इसे कार्यालय के सिस्टम पर फीड किया जाता है। हफ्ते भर से माह भर में फार्म समेत अन्य दस्तावेज को लखनऊ कार्यालय में भेज दिया जाता है।
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ऑनलाइन न होने से बड़ी समस्याएं
प्रधान डाकघर में बने पासपोर्ट कार्यालय को विभाग ने ऑनलाइन नहीं किया है। इससे काफी दिक्कत हो रही है। विभागीय कर्मचारियों के अनुसार अगर इसे ऑनलाइन किया गया होता तो जो काम सप्ताह भर से पखवारे भर में हो रहा है, उसे महज घंटों भर में ही किया जा सकता है। इस वजह से सारे दस्तावेज को लखनऊ भेजना पड़ता है।
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पासपोर्ट का आवेदन मैन्युवल में होता है। इसके बाद कई फार्म एकट्ठा किया जाता है। तभी जाकर उसे लखनऊ कार्यालय भेजा जाता है। इससे काफी दिक्कत हो रही है। काफी लोग फार्म जमा करने के बाद पासपोर्ट लेने के लिए स्वयं लखनऊ जाते हैं।
-विजय कुमार मौर्या, सीनियर पासपोर्ट असिस्टेंट