शासन का बजट मिला तो चमक उठा नेवढि़या का तालाब

गर्मी शुरू होते ही तालाब व पोखरे सूखने लगते हैं। इससे पशु- पक्षियों के लिए पेयजल का संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसे में उपेक्षित पड़े तालाबों पर जब शासन की नजरें इनायत हो जाती है तो उसकी भी किस्मत बदल जाती है। नगर पंचायत अंतू के नेवढि़या के तालाब के सुंदरीकरण के लिए शासन ने लाखों रुपये का बजट दिया तो अब उपेक्षित तालाब भी अपने स्वरूप में आ गया। यह तालाब नगर के लोगों के लिए जीवन दायिनी बन कर सहारा दे रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 10:24 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:24 PM (IST)
शासन का बजट मिला तो चमक उठा नेवढि़या का तालाब
शासन का बजट मिला तो चमक उठा नेवढि़या का तालाब

संवाद सूत्र, संडवा चंद्रिका : गर्मी शुरू होते ही तालाब व पोखरे सूखने लगते हैं। इससे पशु- पक्षियों के लिए पेयजल का संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसे में उपेक्षित पड़े तालाबों पर जब शासन की नजरें इनायत हो जाती है तो उसकी भी किस्मत बदल जाती है। नगर पंचायत अंतू के नेवढि़या के तालाब के सुंदरीकरण के लिए शासन ने लाखों रुपये का बजट दिया तो अब उपेक्षित तालाब भी अपने स्वरूप में आ गया। यह तालाब नगर के लोगों के लिए जीवन दायिनी बन कर सहारा दे रहा है। अब इस तालाब में पशु-पक्षियों को पानी पीने के साथ विकट गर्मी में पशु-पक्षी तालाब में जल क्रीड़ा करते हैं। वहीं नगर वासियों के लिए यह तालाब पिकनिक स्पॉट बन रहा है। आधुनिकता के इस दौर में तेजी के साथ जल दोहन हो रहा है। घर-घर सबमर्सिबल पंप लग रहे हैं। बरसात के साथ घर का गंदा पानी निरर्थक बर्बाद होता है। जल संचयन न होने से पानी का श्रोत नीचे भाग जाता है। इन सब के बाद भी कुछ लोग जल संचयन के लिए कार्य कर रहे हैं। जो समाज के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है।

नगर पंचायत अंतू में आधा दर्जन तालाब उपेक्षित पडे़ थे। पहले इन तालाबों में खेतों की सिचाई के साथ पशु-पक्षियों को पानी पीने के लिए साधन हुआ करता था, लेकिन रख रखाव के अभाव में धीरे- धीरे तालाब अतिक्रमण का शिकार हो गए। अधिकांश तालाब देखरेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो चुके हैं। इन तालाबों को एक बार फिर नगर पंचायत के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने तालाबों को सुंदरीकरण करने की बीड़ा उठाया। उनके प्रस्ताव पर शासन द्वारा नेवढि़या के तालाब के लिए 17 लाख रुपयेका बजट स्वीकृत हुआ था। इस बजट से तालाब का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। यह तालाब आज नगर के लोगों को लाभ दायक सिद्ध हो रहा है। तालाब का अस्तित्व न मिटने पाए, इसके लिए नगर के लोग भी जन सहयोग से तालाब की सफाई करने के साथ तालाब में पानी लबालब रहे, इसके लिए पंपिगसेट लगाया गया है। इससे तालाब में पानी भरा जाता है। तालाब के आस पास कुंआ व हैंडपंप का पानी जहां शीतल रहता है। वहीं जलस्तर भी बेहतर रहता है। तालाब में पशु पक्षियों के साथ जंगली जानवरों की प्यास भी बुझती है। शाम को नगरवासी तालाब के किनारे टहल कर पिकनिक मनाते हैं।

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नेवढि़या का तालाब नगर की पहचान है। इस वार्ड की पहचान पुराने तालाब के रूप में होती है। इस तालाब में साल भर पानी रहता है। पशु पक्षी तालाब में पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं। य

- प्रशांत गुप्ता

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तालाब हमारे जीवन का आधार है। आज जिस तरह से जल दोहन हो रहा है। उसमें गांव व नगर के किनारे के तालाब जल संचयन में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।

- विकास मिश्रा

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तालाब पशु पक्षियों को गर्मी के दिनों में पानी पीने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस तालाब में बरसात के दिनों में काफी दूर से पानी बह कर आता है। इस तालाब के संवर जाने से इसका स्वरूप ही बदल रहा है।

- प्रांजल मौर्य

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जल संचयन में तालाबों का महत्वपूर्ण योगदान है। बरसात के दिनों में नगर का पानी बह कर तालाब में इकट्ठा होता है, जिससे जल संचयन होने से नगर का जलस्तर बना रहता है।

- शिव प्रकाश

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