अरमानों पर फिरा पानी, टूटी आस
पंचायत चुनाव को लेकर लंबे समय से संभावित दावेदार तैयारियों में जुटे थे। समाज सेवा के बहाने चुनाव मैदान में कूदना चाहते थे। वहीं मंगलवार को जारी की गई आरक्षण सूची के खेल में ऐसे कई दावेदार बिना चुनाव लड़े ही मैदान से बाहर हो गए। उनके अरमानों पर पानी फिर गया। कई वर्ष की मेहनत पर पानी फिर गया और उनकी पूंजी भी पानी में डूब गई। अगला चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अब पांच साल इंतजार करना पड़ेगा।
संसू, रानीगंज : पंचायत चुनाव को लेकर लंबे समय से संभावित दावेदार तैयारियों में जुटे थे। समाज सेवा के बहाने चुनाव मैदान में कूदना चाहते थे। वहीं मंगलवार को जारी की गई आरक्षण सूची के खेल में ऐसे कई दावेदार बिना चुनाव लड़े ही मैदान से बाहर हो गए। उनके अरमानों पर पानी फिर गया। कई वर्ष की मेहनत पर पानी फिर गया और उनकी पूंजी भी पानी में डूब गई। अगला चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अब पांच साल इंतजार करना पड़ेगा। पंचायत चुनाव मैदान में उतरने वाले कई संभावित दावेदारों को ऐन वक्त पर चुनाव मैदान से बाहर होना पड़ा। कई साल से क्षेत्र व गांव में सुख-दुख में शिरकत करने के साथ ही मदद में बढ़-चढ़कर भाग लेते रहे। शिवगढ़ ब्लाक में 64 प्रधान, 70 बीडीसी, 3 जिला पंचायत सदस्य की सीट मौजूदा समय में है। इसके पहले 72 प्रधान, 80 बीडीसी, 3 जिला पंचायत सदस्य थे, जबकि गौरा ब्लाक मे मौजूदा समय में 60 प्रधान, 75 बीडीसी, 3 जिला पंचायत सदस्य हैं। इसके पहले 68 प्रधान व 90 बीडीसी एवं तीन जिला पंचायत सदस्य थे। इस बार पंचायत चुनाव मैदान में उतरने के लिए कई लोग पहले से गांव व क्षेत्र में मेहनत कर रहे थे। अपनी जेब से बीमार लोगों की सहायता कर रहे थे। बेटियों की शादी, हैंड पंप लगवाने सहित आर्थिक सहायता कर रहे थे। इन्हीं काम के बल पर चुनाव मैदान में नैया पार लगा लेने की जुगत बिठा चुके थे। आरक्षण के खेल में उनकी तैयारी की हवा खोलकर रख दी और अब अपना सिर थामे बैठे हैं। हालांकि आरक्षण सूची में सीट अनारक्षित व महिला होने से कई प्रधान के दावेदारों को दूसरी बार चुनाव लड़ने का मौका भी मिल गया है।