पीसीएफ के शीर्ष अफसर भी कर चुके हैं गबन
प्रतापगढ़ पीसीएफ विभाग के भंडार नायक के अलावा विभाग के कुछ अफसर भी बड़े पैमाने पर गबन
प्रतापगढ़ : पीसीएफ विभाग के भंडार नायक के अलावा विभाग के कुछ अफसर भी बड़े पैमाने पर गबन कर चुके हैं। इसमें एक शीर्ष अफसर भी हैं। उनके वेतन से हर माह वसूली होती है। कानुपर व सोनभद्र में तैनाती के दौरान यह गबन किया था। सूत्रों के अनुसार एक अफसर ने 67 लाख का गबन किया था तो दूसरे ने करीब 30 लाख से अधिक का गबन किया, दोनों के वेतन से रिकवरी हो रही है। फिलहाल अब गबन करने के मामले में अन्य अफसरों पर भी शक की सुई घूम रही है। पीसीएफ विभाग में भंडार नायक के पद पर संतोष कुमार की तैनाती थी। आरोपित के पास खजोहरी, बड़नपुर के अलावा जिला कार्यालय स्थित गोदाम का भी चार्ज था। करीब 10 दिन पहले आरोपित भंडार नायक ने सब्सिडी सहित पांच करोड़ छह लाख रुपये की डीएपी का गबन कर लिया। समिति के प्रभारियों ने इसकी शिकायत की तो जांच शुरू हो गई। जांच में यह पता चला कि आरोपित ने करोड़ों की डीएपी का गबन कर लिया है। पीसीएफ के जिला प्रबंधक धनंजय तिवारी की तहरीर पर नगर कोतवाली में मुकदजा दर्ज हुआ। जांच हुई तो पता चला कि आरोपित इससे पहले की तैनाती वाले जिलों में भी गबन कर चुका है। हालांकि विभाग की मनमानी के चलते उसे वर्ष 2010 में जिले की तीन गोदामों का चार्ज दे दिया। विभाग ने यह आशंका जाहिर की है कि यह खेल एक दो दिन में नहीं बल्कि महीनों से चल रहा था। फिलहाल जांच में कई महत्वपूर्ण चीजें सामने आई हैं। सबसे खास बात यह है कि केवल भंडार नायक ही बल्कि विभाग में कई ऐसे जिम्मेदार पद पर लोग बैठे हैं जिन पर भी गबन करने का आरोप लग चुका है। उनसे वसूली भी हो रही है। --- छोटी कमाई में बनाई करोड़ों की संपत्ति भंडार नायक का वेतन करीब 50 हजार रुपये है। इतनी छोटी सी कमाई में आरोपित ने कई जिलों में जमीन खरीद रखी है। यहां तक कि वह ट्रक मालिक भी है। काफी संपत्तियों को उसने दूसरे नाम कर रखा है। ऐसी भी जानकारी विभाग से मिली है।
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आखिर पुलिस के हाथ क्यों खाली
इतने बड़े गबन के मामले के आरोपित भंडार नायक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हैं, मगर अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। आखिर पुलिस के सामने ऐसा कौन सा क्लू हाथ नहीं लग रहा है, जिसकी वजह से वह पकड़ में नहीं आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक आरोपित अपने बचाव की हर कोशिश कर रहा है, विभाग के ही कुछ लोग उसकी सहायता भी कर रहे हैं। सारी कवायद के बाद भी भंडार नायक की गिरफ्तारी ना होने से पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।