जमीन पर नहीं दिख रहे शौचालय, जांच में पकड़ी जा रही मनमानी
शासन की स्वछ भारत मिशन योजना में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। एक ओर जहां शौचालय का निर्माण कराने के लिए पैसा निकाल लिया गया वहीं दूसरी ओर अफसरों की जांच में शौचालय में भिन्नता पाई जा रही है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शौचालय में किस तरह की मनमानी की गई है। यह हाल कोई एक ब्लाक का नहीं है अधिकांश ब्लाकों की ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। शासन की टीम ने भी यह मनमानी पकड़ चुकी है। इसके बाद भी कोई बदलाव नहीं हो रहा है।
प्रतापगढ़ : शासन की स्वच्छ भारत मिशन योजना में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। एक ओर जहां शौचालय का निर्माण कराने के लिए पैसा निकाल लिया गया, वहीं दूसरी ओर अफसरों की जांच में शौचालय में भिन्नता पाई जा रही है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शौचालय में किस तरह की मनमानी की गई है। यह हाल कोई एक ब्लाक का नहीं है, अधिकांश ब्लाकों की ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। शासन की टीम ने भी यह मनमानी पकड़ चुकी है। इसके बाद भी कोई बदलाव नहीं हो रहा है।
जिले में चार लाख से अधिक शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला था। करीब तीन लाख से अधिक शौचालय बनकर तैयार हो चुका है, जबकि अभी 50 हजार से अधिक शौचालय नहीं बनाए गए हैं। हालांकि विभाग यह दावा कर रहा है कि सारे शौचालय बना दिए गए हैं। शौचालय में किस कदर मनमानी की गई है इसका एक उदाहरण सामने हैं। उप निदेशक पंचायती राज जयदीप त्रिपाठी ने संडवा चंद्रिका क्षेत्र के छतरपुर व तिवारीपुर ग्राम पंचायत का निरीक्षण करके शौंचालयों की हकीकत खंगाली थी। यहां उन्हें लक्ष्य के अनुरूप मौके पर शौचालय बने नहीं मिले। लाभार्थी के नाम व उनकी जीओ टैंगिग में भी भिन्नता रही। इस पर उन्होंने संबंधित सचिव से अभिलेख तलब किया । इसके बाद वह ब्लाक के छतरपुर गांव पहुंचे। यहां बेसलाइन के 630 शौचालय में 339 की जीओटैग करके फोटो अपलोड की गई थी। आउट लाइन सर्वे 204 के सापेक्ष 105 ही बने थे। एलओबी योजना में नौ के सापेक्ष आठ बने थे। यहां लक्ष्य के सापेक्ष कम शौचालय बने मिलने पर उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी सीमा यादव से अभिलेख मांगते हुए शासन द्वारा भेजे गए बजट के सापेक्ष खर्च का ब्यौरा मांगा था। इस तरह के कई और उदाहरण सामने है। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि शौचालयों के निर्माण की प्रतिदिन समीक्षा हो रही है। इसमें लापरवाही बरतने वाले सचिवों को तलब किया है।