दम तोड़ दिए शौचालय, स्वच्छता पार्क कोबरा फैमिली के हवाले
प्रतापगढ़ स्वच्छता के लाख दावे किए जा रहे हैं लेकिन इसकी हकीकत देखना हो तो शहर के
प्रतापगढ़ : स्वच्छता के लाख दावे किए जा रहे हैं, लेकिन इसकी हकीकत देखना हो तो शहर के विकास भवन में आइए। विकास भवन के परिसर में बना स्वच्छता पार्क बदहाल हो गया है। सफाई न होने से पार्क में बड़ी-बड़ी घास उग आई है। तैयार किए गए शौचालय के मॉडल जर्जर होकर गिर रहे हैं। शौचालय का टैंक भी गंदगी से पट गया है। अब तो पार्क कोबरा फैमिली के हवाले हो चुका है।
जिले भर में एक हजार 193 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों की साफ-सफाई के लिए दो हजार से अधिक सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं। हालांकि अभी 200 पद रिक्त हैं। ग्राम पंचायतों व सरकारी कार्यालयों में नियमित साफ-सफाई का खूब दावा किया जा रहा है। हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। वर्ष 2016 में स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत हुई। विकास भवन परिसर में पंचायत उद्योग के बगल स्वच्छता पार्क बनाया गया। यहां पर कई शौचालय के मॉडल, टैंक आदि बनाए गए। इसी मॉडल के अनुसार गांवों में शौचालय बनाए जाने थे। साफ-सफाई व मरम्मत के अभाव में पार्क बदहाल हो गया। कहने को विकास भवन में आधा दर्जन सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं। स्वच्छता पार्क देखने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि कर्मचारी किस तरह से यहां सफाई को लेकर जिम्मेदार हैं। बड़ी-बड़ी घास के नीचे अक्सर विषैले सांप देखने को मिल जाते हैं। विकास भवन कर्मचारियों की मानें तो भयवश अब कोई पार्क में नहीं जाता। कई बार कोबरा सांप देखने को मिले हैं। यही वजह है कि कई बार कहने के बाद भी सफाईकर्मी वहां जाकर साफ करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।
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काम हुआ, नहीं मिला पैसा
स्वच्छता पार्क बनवाने में लाखों रुपये खर्च हुआ, लेकिन काम कराने वाली संस्था को भुगतान नहीं किया गया। जिस समय पार्क बनाया जा रहा था, इसकी मॉनीटरिग की जिम्मेदारी एक एडीओ पंचायत को मिली थी। पार्क बनकर तैयार हुआ, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
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मामला संज्ञान में है। जल्द ही सफाई कर्मचारियों को भेजकर इसकी सफाई कराई जाएगी।
- सोमनाथ नायर, एडीओ पंचायत सदर।