सैनिक का शव घर लाए जाने पर उमड़ा सैलाब

दीवानगंज दिल्ली के आर्मी हास्पिटल में इलाज के दौरान शुक्रवार की रात आखिरी सांस लेने वाले

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:29 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:29 PM (IST)
सैनिक का शव घर लाए जाने पर उमड़ा सैलाब
सैनिक का शव घर लाए जाने पर उमड़ा सैलाब

दीवानगंज : दिल्ली के आर्मी हास्पिटल में इलाज के दौरान शुक्रवार की रात आखिरी सांस लेने वाले सैनिक चंद्रलोक तिवारी का पार्थिव शरीर रविवार को भोर में घर लाया गया। यहां श्रद्धांजलि देने को लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान यहां स्वजन रो-रोकर बेहाल थे। प्रयागराज से आई सेना की बटालियन ने पैतृक आवास सराय नानकार गांव आकर सैनिक के पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी दी।

कंधई थाना क्षेत्र के सराय नानकार गांव निवासी विजय नारायण तिवारी के पुत्र चंद्रलोक तिवारी (26) आर्मी में राजस्थान के जोधपुर स्थित बटालियन पर तैनात थे। एक सप्ताह पूर्व अचानक उनकी तबियत खराब हो गई थी। दिल्ली के आर्मी हास्पिटल में इलाज के दौरान शुक्रवार रात एक बजे चंद्रलोक ने आखिरी सांस ली थी। शनिवार को दोपहर दिल्ली में सेना के हेड क्वार्टर पर चंद्रलोक के पार्थिव शरीर को सेना के जवानों ने सलामी दी थी। इसके बाद सेना के जवान एंबुलेंस से चंद्रलोक का पार्थिव शरीर लेकर उनके पैतृक घर के लिए रवाना हो गए थे।इस बीच रविवार सुबह साढ़े पांच बजे तिरंगे से लिपटा पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान सराय नानकार गांव में चंद्रलोक के घर पहुंचे तो उनकी पत्नी, मां शव सहित परिवार के लोग रो-रोकर बेहाल हो गए। इस बीच चंद्रलोक को श्रद्धांजलि देने के लिए इलाके के लोग उमड़ पड़े। लोगों ने सैनिक का अंतिम दर्शन कर उन्हें पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। रविवार सुबह करीब दस बजे प्रयागराज से सेना की एक बटालियन ग्रुप कमांडर अनिल कुमार पुनिया के नेतृत्व में चंद्रलोक के घर पहुंची और सैनिक के पार्थिव शरीर को सलामी दी। ग्रुप कमांडर ने चंद्रलोक की पत्नी रुचि तिवारी को तिरंगा भेंट किया। एसडीएम रानीगंज ज्ञानेंद्र विक्रम, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी, योगेश मिश्र योगी, जिला पंचायत सदस्य पूनम इंसान, डीपी इंसान, जनसत्ता दल (युवा प्रकोष्ठ) के जिलाध्यक्ष दिनेश तिवारी, अंशुमान सिंह, केके शर्मा सहित अन्य नेताओं ने घर पहुंचकर चंद्रलोक तिवारी का अंतिम दर्शन करके उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। रविवार दोपहर लगभग बारह बजे सैनिक चंद्रलोक तिवारी का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए प्रयागराज जिले के रसूलाबाद घाट ले जाया गया। । -- माता-पिता व गांव के दुलारे थे चंदू संसू,दीवानगंज : रानीगंज तहसील क्षेत्र के सराय नानकार गांव निवासी विजय नारायण तिवारी के सबसे छोटे पुत्र सैनिक चंद्रलोक को परिवार एवं गांव के लोग चंदू के नाम से पुकारते थे। वह हर किसी के दुलारे थे। चार भाइयों में सबसे छोटे चंद्रलोक उर्फ चंदू की शादी पांच वर्ष पूर्व लखनऊ की रुचि तिवारी के साथ हुई थी। सैनिक चन्द्रलोक के एक पुत्र शिवा ढाई वर्ष का है । सबसे बड़े भाई वरुण तिवारी खेती बारी करते हैं। दूसरे नंबर के भाई आलोक तिवारी सीआरपीएफ में नौकरी करते हैं । जबकि तीसरे भाई अरुण तिवारी सूरत में प्राइवेट नौकरी करते हैं। घर पर उमड़े सैलाब के दौरान सैनिक चंद्रलोक का ढाई वर्ष का अबोध बेटा शिवा घर पर आने जाने वाली भीड़ से अनजान था। श्रद्धांजलि में भेदभाव पर जताया विरोध : सैनिक को श्रद्धांजलि देने में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए परशुराम सेना ने विरोध जताया।रविवार को सुबह 10 बजे राष्ट्रीय परशुराम सेना के जिलाध्यक्ष अनिल पांडेय शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान सैनिक चंद्रलोक के भाई वरुण तिवारी ने बताया कि रविवार भोर में ही उनके भाई का पार्थिव शरीर घर पर लाया गया था। दस बजे तक उनके घर पर जिला व पुलिस प्रशासन को कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे, जिससे परिवार के लोगों को बहुत पीड़ा हुई। बारिश के बीच अपनी निजी व्यवस्था से बस की छत पर भाई का पार्थिव शरीर रखकर प्रयागराज जाने को मजबूर हैं। शासन प्रशासन से किसी तरह की सहायता नहीं मिली। जिलाध्यक्ष ने डीएम व एसपी को फोन करके सैनिक के परिवार की समस्या को देखते हुए सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की बात कही। आश्वासन मिलने के बाद भी लगभग एक बजे तक इंतजार किया गया। एसडीएम रानीगंज के पहुंचने के बाद भी कुछ व्यवस्था नहीं हो सकी। ऐसे में परिवार के लोग मजबूर होकर अंतिम यात्रा के लिए निजी साधन से प्रयागराज के लिए रवाना हुए। अनिल पांडेय ने सैनिक के परिवार की मांगों से संबंधित ज्ञापन एसडीएम रानीगंज को सौंपा। अंतिम यात्रा से कुछ समय पहले प्रयागराज से आए सेना की बटालियन के जवानों ने सैनिक चंद्रलोक के पार्थिव शरीर को आखिरी सलामी दी।इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय, चंद्रलोक तिवारी अमर रहें, वंदे मातरम के नारों के साथ चंद्रलोक के पार्थिव शरीर को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

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