क्षेत्र पंचायत के अनुमोदन के बिना करोड़ों के भुगतान की जांच को पहुंची टीम

संडवा चंद्रिका ग्राम पंचायतों की कार्य योजना का क्षेत्र पंचायत द्वारा अनुमोदन न किए जाने के बाद

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:40 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:40 PM (IST)
क्षेत्र पंचायत के अनुमोदन के बिना करोड़ों के भुगतान की जांच को पहुंची टीम
क्षेत्र पंचायत के अनुमोदन के बिना करोड़ों के भुगतान की जांच को पहुंची टीम

संडवा चंद्रिका : ग्राम पंचायतों की कार्य योजना का क्षेत्र पंचायत द्वारा अनुमोदन न किए जाने के बाद भी करोड़ों रुपये का भुगतान किए जाने के मामले में बुधवार को मंडलीय जांच टीम ब्लाक मुख्यालय पहुंच कर जांच की। इस दौरान टीम ब्लाक मुख्यालय पर अभिलेखों की जांच करके उसे कब्जे में लिया।

विकास खंड संडवा चंद्रिका की पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल में वित्तीय वर्ष 2017-2018,2019-2020 में क्षेत्र पंचायत की बैठक नहीं बुलाई गई थी। प्रमुख रही रामकली ने अधिकारियों से कई बार पत्र भेज कर क्षेत्र पंचायत की बैठक बुलाने की मांग की, लेकिन अधिकारियों ने प्रमुख की मांग को अनसुना कर दिया था। इतना ही नहीं बगैर क्षेत्र पंचायत की बैठक में ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना का अनुमोदन किए बगैर ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया। मामले में फिर से शिकायत होने पर आयुक्त ने मंडलीय जांच टीम गठित करके उपायुक्त श्रम एवं रोजगार मीनाक्षी देवी एवं स्टाफ ऑफिसर संयुक्त विकास कार्यालय प्रयागराज बबीता सिंह को जांच सौंपी थी। दोनों अधिकारी बुधवार को दोपहर डीडीओ ओम प्रकाश मिश्रा के साथ ब्लाक पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने संबंधित अभिलेख को देखा। इसमें कार्रवाई रजिस्टर सहित अन्य अभिलेख न मिल पाने पर दो दिन में समस्त अभिलेख जांच कमेटी को उपलब्ध कराए जाने को कहा। जांच टीम ने बीडीओ शरद कुमार सिंह एनआरपी लिपिक मोतीलाल व कार्यालय के अन्य कर्मचारियों से से इस संबंध में पूछताछ करते हुए विभिन्न पहलुओं पर मामले की जांच की। जांच अधिकारी मीनाक्षी देवी ने बताया कि आयुक्त के निर्देश पर क्षेत्र पंचायत की बैठक न बुलाए जाने की जांच की जा रही है। शासनादेश के मुताबिक तीन महीने में क्षेत्र पंचायत की बैठक बुलाए जाने का प्राविधान है। बीडीओ द्वारा किन परिस्थितियों में ढाई साल तक क्षेत्र पंचायत की बैठक नहीं बुलाई गई। यह गंभीर मामला है। इसके बाद बगैर सदन के अनुमोदन के ग्राम पंचायतों में पक्के कार्यों का भुगतान आर्थिक गबन की श्रेणी में है। मामले की जांच की जा रही है।

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