वाहन लुटेरे की पत्नी के खाते में पैसे भेजने की गुत्थी उलझी
जासं प्रतापगढ़ शातिर वाहन लुटेरों से याराना रखने के मामले में पुलिस कर्मियों पर हुई क
जासं, प्रतापगढ़ : शातिर वाहन लुटेरों से याराना रखने के मामले में पुलिस कर्मियों पर हुई कार्रवाई से महकमे में खलबली है। दारोगा व दो सिपाहियों की करतूत में नया पेच इस बात को लेकर फंसा है कि आखिर दारोगा ने लुटेरे की पत्नी के खाते में लाखों रुपये क्यों भेजे। दारोगा को वाहन ही लेना था तो क्या सारी एजेंसियां बंद हो गई थीं। बांदा जिले के नगर कोतवाली में नजीर अहमद डुमरियागंज, जनपद सिद्धार्थनगर ने अपने ट्रक को लूट ले जाने का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद मामला तब प्रतापगढ़ से जुड़ गया जब ऐसी ही घटना बांदा जिले के तिदवारी थाना क्षेत्र के माटा ग्राम स्थित ढाबे पर हुई। इधर 20 जुलाई को बांदा पुलिस ने अंतरराज्यीय लुटेरे शकील, सल्लन व अकील निवासी असांव थाना सांगीपुर प्रतापगढ़ को पकड़ा। यह तीनों सगे भाई हैं। यही नहीं उनके गैंग में अमर सिंह, चौपई थाना कंधई, शुभम चौधरी व पिकू मोदनवाल भंगवा चुंगी चौराहा, नगर कोतवाली भी मिले। इन शातिरों के पास से दोनों लूटे गए ट्रक भी बरामद हो गए। बांदा पुलिस तब सन्न रह गई जब वाहन लुटेरों ने स्वीकार किया कि प्रतापगढ़ के लीलापुर चौकी प्रभारी वंशीधर राय व सिपाही लाल बाबू शुक्ला, अजीत यादव उसके खास दोस्त हैं। वाहनों को बेचवाने में मदद करते हैं। इस पर बिना देर किए आइजी केपी सिंह ने लीलापुर चौकी प्रभारी वंशीधर राय को निलंबित कर दिया था। इस बीच एसपी ने लालगंज कोतवाली में तैनात सिपाही लाल बाबू शुक्ला और सांगीपुर में तैनात सिपाही अजीत यादव को भी नाप दिया। इतना सब होने के बाद भी अब तक यह राज नहीं खुला कि दारोगा ने लुटेरे की पत्नी को किस बात के ढाई लाख रुपये दिए थे। यानि एक बात तो साफ है कि दारोगा की पकड़ लुटरों के घर-परिवार तक रही। उनके पारिवारिक रिश्ते फल-फूल रहे थे। यही नहीं पुलिस वाले अपने स्तर से उनको संरक्षण देते व दिलाते थे। एसपी सतपाल अंतिल का कहना है कि अभी मामले की जांच कई बिदु पर चल रही है। दारोगा वंशीधर की विभागीय जांच भी होगी। जो आरोप पुष्ट हो गए थे, उसके आधार पर यह लोग सस्पेंड किए जा चुके हैं।