सराय मतुई नमक शायर से जुड़ी हैं आजाद की यादें

रमेश त्रिपाठी प्रतापगढ़ देश की आजादी के आंदोलन के समय महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर अ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:27 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:27 PM (IST)
सराय मतुई नमक शायर से जुड़ी हैं आजाद की यादें
सराय मतुई नमक शायर से जुड़ी हैं आजाद की यादें

रमेश त्रिपाठी, प्रतापगढ़ : देश की आजादी के आंदोलन के समय महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जिले के सराय मतुई नमक शायर में रुका करते थे। यहां वह देश को आजाद कराने के ताने-बाने बुना करते थे। यहां मथुरा प्रसाद सिंह की वह हवेली आज भी है, जहां चंद्रशेखर आजाद अपने साथियों के साथ रहकर प्रिटिग प्रेस चलाते थे और विस्फोटक बनाते थे।

सदर विकास खंड के सराय मतुई नमक शायर गांव में देश की आजादी के आंदोलन के दौरान मथुरा प्रसाद सिंह के घर क्रांतिकारी इकट्ठा होते थे। यहीं से देश को आजाद कराने की रणनीति गढ़ी जाती। यह स्थान प्राकृतिक ²ष्टि से भी उनके लिए काफी मुफीद रहा। बगल में सई नदी बहती है, जब कभी अंग्रेज सैनिकों को इनकी भनक लगती तो वह उनके पहुंचने के पहले ही सई में कूद कर उस पार चले जाते। पैसे की कमी होने पर चंद्रशेखर आजाद ने राम प्रसाद बिस्मिल सहित अन्य साथियों के साथ प्रतापगढ़ जिले के कर्माजीतपुर द्वारिकापुर में शिवरतन बनिया के घर डकैती डाली थी। पं. राम प्रसाद बिस्मिल, आजाद और बाकी साथी गांव की तरफ निकले। बिस्मिल ने साफ निर्देश दिया था कि उनका मकसद केवल पैसा लूटना है, किसी की हत्या करना नहीं। उन्होंने यह भी कहा था किसी महिला के साथ बदसलूकी नहीं करनी है। बिस्मिल पिस्टल लेकर बनिया के घर के बाहर पहरेदारी करने लगे। बताते हैं कि क्रांतिकारी अंदर घुसे तो एक महिला ने चंद्रशेखर आजाद के हाथों से पिस्टल छीन ली। यहां से लोगों को बिना लूट किए वापस लौटना पड़ा। बाद में गांव के ही आजाद के एक साथी ने उनकी पिस्टल महिला से वापस दिला दी थी।

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