सिपाही की मौत की जांच को सीओ की अगुवाई में टीम

लालगंज कोतवाली में शुक्रवार को संदिग्ध दशा में गोली लगने से हुई सिपाही आशुतोष यादव की मौत के मामले में जांच के लिए क्षेत्राधिकारी (सीओ) की अगुवाई में टीम गठित की गई है। कॉल डिटेल का भी इंतजार किया जा रहा है। एसपी अनुराग आर्य का कहना है कि वजहों की जांच के लिए सीओ लालगंज जगमोहन की अगुवाई में टीम गठित की गई है। गाजीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के खरौना गांव निवासी सिपाही आशुतोष यादव पुत्र अखिलेश यादव की पहली तैनाती लालगंज कोतवाली में हुई थी। शुक्रवार को गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 10:31 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 10:31 PM (IST)
सिपाही की मौत की जांच को सीओ की अगुवाई में टीम
सिपाही की मौत की जांच को सीओ की अगुवाई में टीम

गुत्थी सुलझाने को पुलिस को कॉल डिटेल का इंतजार

संवाद सूत्र, लालगंज (प्रतापगढ़): लालगंज कोतवाली में शुक्रवार को संदिग्ध दशा में गोली लगने से हुई सिपाही आशुतोष यादव की मौत के मामले में जांच के लिए क्षेत्राधिकारी (सीओ) की अगुवाई में टीम गठित की गई है। कॉल डिटेल का भी इंतजार किया जा रहा है। एसपी अनुराग आर्य का कहना है कि वजहों की जांच के लिए सीओ लालगंज जगमोहन की अगुवाई में टीम गठित की गई है।

गाजीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के खरौना गांव निवासी सिपाही आशुतोष यादव पुत्र अखिलेश यादव की पहली तैनाती लालगंज कोतवाली में हुई थी। शुक्रवार को गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। खून से लथपथ शव बैरक के दूसरी मंजिल की छत पर सीढ़ी पर मिला था। प्रथम ²ष्टया पुलिस अफसर मान रहे है कि आशुतोष ने एके-47 से गोली मारकर खुदकुशी की है। घटना के वक्त कोई मौजूद नहीं था सिपाही के पास

इस बीच मामले में सस्पेंस बरकरार है। घटना के वक्त उसके पास कोई नहीं था, ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि गोली उसने चलाई या किसी और ने। अनुमान है कि एके-47 की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी ताकि यह पता चले कि ट्रिगर पर किसी के अंगुलियों के निशान थे अथवा नहीं। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पड़ी एके-47 को कब्जे में ले लिया है। आशुतोष को जिस समय गोली लगी, कोई और सिपाही या व्यक्ति उनके पास नहीं था। यानी किसी ने गोली चलते या चलाते नहीं देखा। गोली चलने की आवाज सुनकर पुलिस कर्मी बैरक के दूसरे मंजिल की छत पर गए। गोली टुड्डी से होकर सिर के पार हो गई थी। इस आधार पर खुदकुशी की बात कही जा रही है।

बात करते समय टोकने पर झुंझलाए थे

साथी सिपाही शुक्रवार को सुबह टिफिन लेने जा रहे थे तो आशुतोष फोन पर किसी से बात कर रहा था। एक सिपाही ने टोका तो झुंझलाहट में उसे डांट दिया और फिर फोन पर बात करने लगा। वह फोन पर किससे बात कर रहा था? आखिरी बार किससे बात की थी, यह कॉल डिटेल से ही पता चलेगा। पुलिस अफसरों ने फोन पर डायल आखिरी नंबर देखने का प्रयास किया, लेकिन पैटर्न लॉक होने की वजह से पता नहीं चल सका।

जेब में मिला छुट्टी का अप्लीकेशन

आशुतोष की जेब में सीओ को संबोधित एक अप्लीकेशन भी मिला, जिसमें 26 सितंबर से छुट्टी पर जाने का जिक्र था। हफ्ते भर पहले वह घर से आया था, फिर किस वजह से इतनी जल्दी छुट्टी की जरूरत पड़ गई, यह अफसर समझ नहीं पा रहे हैं। एएसपी (पश्चिमी) दिनेश द्विवेदी का कहना है कि उसने 26 सितंबर से छुट्टी वाला प्रार्थना पत्र नहीं दिया था।

शव देख फफक पड़े पिता

आशुतोष के पिता अखिलेश व बड़े भाई वासुदेव, स्वजनों के साथ शुक्रवार रात लालगंज कोतवाली पहुंचे थे। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। शनिवार सुबह करीब 11 बजे एक्सरे के बाद पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के बीच कराया गया। डा.अजय व डा.राधेश्याम ने पोस्टमार्टम किया। शव बाहर लाया गया तो पिता व भाई फफककर रोने लगे। एएसपी पश्चिमी दिनेश द्विवेदी, सीओ लालगंज जगमोहन ने आशुतोष के शव पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

सपा ने न्यायिक जांच की मांग की

समाजवादी पार्टी ने सिपाही आशुतोष यादव की मौत की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। सपा के जिला महासचिव अनीस खान ने कहा कि प्रथम ²ष्टया घटना संदिग्ध लग रही है।

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